धर्म एवं दर्शन >> श्री कृष्णावतार श्री कृष्णावतारपवन के. वर्मा
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विष्णु के सभी अवतारों में कृष्ण को पूर्णावतार माना जाता है
विष्णु के सभी अवतारों में कृष्ण को पूर्णावतार माना जाता है, क्योंकि वे स्वयं में भावनाओं और गुणों का एक ऐसा अथाह सागर समेटे हुए हैं, जो एकत्र होकर एक आदर्श व्यक्तित्व का निर्माण करता है। सभी देवताओं में कृष्ण सर्वाधिक सुगम हैं। वे नश्वर और दिव्य के बीच स्थित भेद को पाटते हैं।
इस पुस्तक में, ‘कृष्णा : द प्लेफुल डिवाइन’ के सुविख्यात लेखक पवन के. वर्मा इस जनप्रिय देवता के व्यक्तित्व की विशालता, सौंदर्य, आकर्षण व जटिलता को सहज ही सामने रख देते हैं। पुराणों, प्राचीन ग्रंथों, भक्ति काव्य और लोकगीतों को आधार बना कर उन्होंने इस श्याम-सलोने के विविध रूपों - नटखट बालक, प्रेमी, श्रेष्ठ योद्धा, कूटनीतिज्ञ, दार्शनिक व परमब्रह्म को उकेरा है।
इस पुस्तक में, ‘कृष्णा : द प्लेफुल डिवाइन’ के सुविख्यात लेखक पवन के. वर्मा इस जनप्रिय देवता के व्यक्तित्व की विशालता, सौंदर्य, आकर्षण व जटिलता को सहज ही सामने रख देते हैं। पुराणों, प्राचीन ग्रंथों, भक्ति काव्य और लोकगीतों को आधार बना कर उन्होंने इस श्याम-सलोने के विविध रूपों - नटखट बालक, प्रेमी, श्रेष्ठ योद्धा, कूटनीतिज्ञ, दार्शनिक व परमब्रह्म को उकेरा है।
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