आधुनिक >> कौन बनेगा अरबपति कौन बनेगा अरबपतिविकास स्वरूप
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उपन्यास जिस पर बनी फिल्म ‘स्लमडॉग मिलिनियर’ ऑस्कर तथा गोल्डन ग्लोब पुरस्कारों से सम्मानित है...
एक अठारह वर्षीय गरीब वेटर मुंबई के लॉक-अप में क्यों बंद है?
ए) उसने एक ग्राहक को पीट दिया है; बी) वो शराब पीकर बहक गया है; सी) उसने गल्ला लूट लिया है; डी) वो ‘कौन बनेगा अरबपति’ का प्रथम विजेता है।
राम मुहम्मद थॉमस को गिरफ्तार कर लिया गया है। क्योंकि एक गरीब अनाथ, जो न कभी स्कूल गया है और न जिसने कभी अखबार पढ़े, वो सौरमंडल के सबसे छोटे ग्रह और शेक्सपियर के नाटकों का नाम कैसे जानता है? ‘कौन बनेगा अरबपति’ के बारह कठिन सवालों के सही जवाब उसने कैसे दिये?
ये बारह सवाल राम मुहम्मद थॉमस के जीवन के बारह पन्ने खोलते हैं; और इन बारह टुकड़ों में बँटी थॉमस की जिन्दगी में आधुनिक भारत की पूरी तस्वीर चित्रित होती है, जिसमें मुफलिसी और मस्ती है, प्रेम और प्रतिशोध है, दर्द और दरियादिली है।
चर्च के कूड़ेदान से शुरु होने वाली राम मुहम्मद थॉमस की जिंदगी यतीमखानों और रेलवे स्टेशनों, चकलाघरों और मयखानों, फिल्मी दुनिया की चकाचौंध और झुग्गी-बस्तियों के अँधेरों से गुजरती है। जिन्दगी के इन्हीं चीथड़ों से थॉमस को वो सूत्र निकालने हैं जो उसे न केवल क्विज़ शो बल्कि जीवन में सफल बना सकते हैं।
‘कौन बनेगा अरबपति’ एक ऐसा उपन्यास है जिसमें लेखक की अद्भुत लेखन शैली से कथानक एक चलचित्र की भाँति पाठक के मन-मष्तिष्क पर छा जाता है। शीघ्र ही इस आधार पर फिल्म का निर्माण और विश्व की तेईस भाषाओं में इसका अनुवाद होना इसकी लोकप्रियता का परिचायक है।
ए) उसने एक ग्राहक को पीट दिया है; बी) वो शराब पीकर बहक गया है; सी) उसने गल्ला लूट लिया है; डी) वो ‘कौन बनेगा अरबपति’ का प्रथम विजेता है।
राम मुहम्मद थॉमस को गिरफ्तार कर लिया गया है। क्योंकि एक गरीब अनाथ, जो न कभी स्कूल गया है और न जिसने कभी अखबार पढ़े, वो सौरमंडल के सबसे छोटे ग्रह और शेक्सपियर के नाटकों का नाम कैसे जानता है? ‘कौन बनेगा अरबपति’ के बारह कठिन सवालों के सही जवाब उसने कैसे दिये?
ये बारह सवाल राम मुहम्मद थॉमस के जीवन के बारह पन्ने खोलते हैं; और इन बारह टुकड़ों में बँटी थॉमस की जिन्दगी में आधुनिक भारत की पूरी तस्वीर चित्रित होती है, जिसमें मुफलिसी और मस्ती है, प्रेम और प्रतिशोध है, दर्द और दरियादिली है।
चर्च के कूड़ेदान से शुरु होने वाली राम मुहम्मद थॉमस की जिंदगी यतीमखानों और रेलवे स्टेशनों, चकलाघरों और मयखानों, फिल्मी दुनिया की चकाचौंध और झुग्गी-बस्तियों के अँधेरों से गुजरती है। जिन्दगी के इन्हीं चीथड़ों से थॉमस को वो सूत्र निकालने हैं जो उसे न केवल क्विज़ शो बल्कि जीवन में सफल बना सकते हैं।
‘कौन बनेगा अरबपति’ एक ऐसा उपन्यास है जिसमें लेखक की अद्भुत लेखन शैली से कथानक एक चलचित्र की भाँति पाठक के मन-मष्तिष्क पर छा जाता है। शीघ्र ही इस आधार पर फिल्म का निर्माण और विश्व की तेईस भाषाओं में इसका अनुवाद होना इसकी लोकप्रियता का परिचायक है।
विकास स्वरूप
इलाहाबाद में जन्में विकास स्वरूप ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। सन् 1986 में भारतीय विदेश सेवा में चयन; तदुपरांत तुर्की, अमेरिका, इथोपिया और इंग्लैण्ड में कार्यरत रहे। यह लेखक का पहला उपन्यास है और इसका विश्व की छत्तीस महत्त्वपूर्ण भाषाओं में अनुवाद हो चुका है - ऐसा गौरव, जो बहुत कम भारतीय लेखकों को प्राप्त हुआ है। विश्व की प्रसिद्ध फिल्म निर्माण कंपनी द्वारा इस उपन्यास पर बनाई फिल्म ‘स्लमडॉग मिलिनियर’ ऑस्कर तथा गोल्डन ग्लोब पुरस्कारों से सम्मानित। दूसरा उपन्यास ‘सिक्स सस्पेक्ट्स’ भी चर्चित तथा बहुप्रशंसित।
संप्रति : प्रीटोरिया (दक्षिण अफ्रीका) में भारतीय उच्चायोग में उप-उच्चायुक्त।
संप्रति : प्रीटोरिया (दक्षिण अफ्रीका) में भारतीय उच्चायोग में उप-उच्चायुक्त।
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