सदाबहार >> मेरी प्रिय कहानियाँ (मन्नू भंडारी) मेरी प्रिय कहानियाँ (मन्नू भंडारी)मन्नू भंडारी
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लेखक की अपनी कहानियों में से उनकी पसंद की चुनिंदा कहानियाँ
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
हिन्दी के कहानी लेखकों में मन्नू भंडारी का अग्रणी स्थान है। उनकी कहानियों में नारी-जीवन के उन अन्तरंग अनुभवों को विशेष रूप से अभिव्यक्ति दी गई है जो उनके नितांत अपने हैं और पुरुष कहानीकारों की रचनाओं में प्रायः नहीं मिलते। वैसे मन्नू भंडारी ने अपने अन्य समकालीन समर्थ लेखकों की तरह ही लगभग सभी पहलुओं पर सशक्त कहानियां लिखी गई हैं।
‘कहानियों की बात करते हुए सहसा ही मुझे लगता है कि उस पुरानी बात में कहीं एक बहुत बड़ी सच्चाई है : यातना और करुणा हमें दृष्टि देती हैं। अपने सुख और उल्लास के क्षणों में हम अपने से बाहर होते हैं, औरों के साथ होते हैं। यातना के क्षणों में हम अपने भीतर जीते हैं और वे हमारे अपने होते हैं। हो सकता है उल्लास और प्रसन्नता के क्षण मेरी ज़िन्दगी के सर्वश्रेष्ठ क्षण रहे हों लेकिन यातना के क्षण मेरे अपने हैं। इन्हें कहानियों में अभिव्यक्ति न मिली होती तो निस्संदेह ज़िन्दगी का बहुत-कुछ टूट-बिखर गया होता। आज जब सब कुछ पीछे छूट गया है तो लगता है कि ये क्षण ही मेरे प्रिय क्षण हैं और उनसे उपजी कहानियाँ ही मेरी प्रिय कहानियाँ।’
‘कहानियों की बात करते हुए सहसा ही मुझे लगता है कि उस पुरानी बात में कहीं एक बहुत बड़ी सच्चाई है : यातना और करुणा हमें दृष्टि देती हैं। अपने सुख और उल्लास के क्षणों में हम अपने से बाहर होते हैं, औरों के साथ होते हैं। यातना के क्षणों में हम अपने भीतर जीते हैं और वे हमारे अपने होते हैं। हो सकता है उल्लास और प्रसन्नता के क्षण मेरी ज़िन्दगी के सर्वश्रेष्ठ क्षण रहे हों लेकिन यातना के क्षण मेरे अपने हैं। इन्हें कहानियों में अभिव्यक्ति न मिली होती तो निस्संदेह ज़िन्दगी का बहुत-कुछ टूट-बिखर गया होता। आज जब सब कुछ पीछे छूट गया है तो लगता है कि ये क्षण ही मेरे प्रिय क्षण हैं और उनसे उपजी कहानियाँ ही मेरी प्रिय कहानियाँ।’
- -इस पुस्तक की भूमिका से
क्रम
अकेली
मजबूरी
नई नौकरी
बंद दराजों के साथ
एखाने आकाश नाइं....
यही सच है
सज़ा
आते-जाते यायावर
शायद
अकेली
मजबूरी
नई नौकरी
बंद दराजों के साथ
एखाने आकाश नाइं....
यही सच है
सज़ा
आते-जाते यायावर
शायद
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