कहानी संग्रह >> डेमोक्रेसिया डेमोक्रेसियाअसगर वजाहत
|
6 पाठकों को प्रिय 167 पाठक हैं |
"डेमोक्रेसिया" प्रतिष्ठित कथाकार असग़र वजाहत की विशिष्ट कहानियों का संग्रह है।
"डेमोक्रेसिया" प्रतिष्ठित कथाकार असग़र वजाहत की विशिष्ट कहानियों का संग्रह है। संग्रह की भूमिका में वे लिखते हैं:
"जीवन इतना नंगा हो गया है कि अब लेखक उसकी परतें क्या उखाड़ेगा? रोज़ अख़बारों में जो छपता है वह पूरे समाज के नंगा करने के लिए काफ़ी है।
मूल्यहीनता की जो स्थिति है, स्वार्थ साधऩे की जो पराकाष्ठा है, हिंसा और अपराध का जो बोलबाला है, सत्ता और धन के लिए कुछ भी कर देने की होड़, असहिष्णुता और दूसरे को अपमानित करने का भाव जो आज हमारे समाज में हैं, वह पहले नहीं था। आज हम अजीब मोड़ पर खड़े हैं। रचनाकार के लिए यह चुनौतियों से भरा समय है। और इन हालात में लगता है क्या लिखा जाए?"
लेखन, सम्प्रेषण, हस्तक्षेप और सार्थकता से जुड़े सवालों का सामना असग़र वजाहत ने अपनी कहानियों में बखूबी किया है। भाषा की व्यंजनशक्ति का ऐसा विलक्षण प्रयोग बहुत कम रचनाओं में दिखता है। "देखन में छोटे लगे घाव करे गम्भीर" के अर्थ को इन कहानियों में सोदाहरण पढ़ा जा सकता है। प्रखर राजनीतिक-सामाजिक विवेक असग़र वजाहत की रचनाओं में प्राणशक्ति है।
"जीवन इतना नंगा हो गया है कि अब लेखक उसकी परतें क्या उखाड़ेगा? रोज़ अख़बारों में जो छपता है वह पूरे समाज के नंगा करने के लिए काफ़ी है।
मूल्यहीनता की जो स्थिति है, स्वार्थ साधऩे की जो पराकाष्ठा है, हिंसा और अपराध का जो बोलबाला है, सत्ता और धन के लिए कुछ भी कर देने की होड़, असहिष्णुता और दूसरे को अपमानित करने का भाव जो आज हमारे समाज में हैं, वह पहले नहीं था। आज हम अजीब मोड़ पर खड़े हैं। रचनाकार के लिए यह चुनौतियों से भरा समय है। और इन हालात में लगता है क्या लिखा जाए?"
लेखन, सम्प्रेषण, हस्तक्षेप और सार्थकता से जुड़े सवालों का सामना असग़र वजाहत ने अपनी कहानियों में बखूबी किया है। भाषा की व्यंजनशक्ति का ऐसा विलक्षण प्रयोग बहुत कम रचनाओं में दिखता है। "देखन में छोटे लगे घाव करे गम्भीर" के अर्थ को इन कहानियों में सोदाहरण पढ़ा जा सकता है। प्रखर राजनीतिक-सामाजिक विवेक असग़र वजाहत की रचनाओं में प्राणशक्ति है।
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book