कविता संग्रह >> ओक भर किरनें ओक भर किरनेंसुधा गुप्ता
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चोका (लम्बी कविता) संग्रह
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
चोका (लम्बी कविता) पहली से तेरहवीं शताब्दी में जापानी काव्य विधा में महाकाव्य की कथाकथन शैली रही है। मूलतः चोका गाए जाते रहे हैं। चोका का वाचन उच्च स्वर में किया जाता रहा है। यह प्रायः वर्णनात्मक रहा है। इसको एक ही कवि रचता है।
विश्व कविता
‘ब्रह्मानन्द सरीखा’
नन्हा हाइकु
जापान से आई ये
नवीन विधा
मन मोह लिया था
भारतीयों का
इसकी मिठास ने
हिन्दी हाइकु
जापान का ऋणी है
सदा रहेगा
जापानी हाइकु में
कवि हैं चार
स्थित कीर्ति-शिखर
बाशो थे संत
प्रकृति-सहचर
‘हाइकु-गुरु’
अनूठा चितेरा था
कवि बुसोन
और शब्द-शिल्पी भी
इस्सा ने जोड़ा
यथार्थ से हाइकु
‘भाव-कारुण्य’
मासा ओका शिकि ने
फूँका था शंख
नव-जागरण का
‘हाइकु-मुक्ति’
क्रान्ति, जनान्दोलन
इस प्रकार
जापानी कविता के
स्तम्भ हैं चार
हाइकु के आधार
बाशो, बुसोन
इस्सा और शिकि हैं
सदा अमर
फैला रहा सुरभि
चारु पुष्प-प्रकर...
‘ब्रह्मानन्द सरीखा’
नन्हा हाइकु
जापान से आई ये
नवीन विधा
मन मोह लिया था
भारतीयों का
इसकी मिठास ने
हिन्दी हाइकु
जापान का ऋणी है
सदा रहेगा
जापानी हाइकु में
कवि हैं चार
स्थित कीर्ति-शिखर
बाशो थे संत
प्रकृति-सहचर
‘हाइकु-गुरु’
अनूठा चितेरा था
कवि बुसोन
और शब्द-शिल्पी भी
इस्सा ने जोड़ा
यथार्थ से हाइकु
‘भाव-कारुण्य’
मासा ओका शिकि ने
फूँका था शंख
नव-जागरण का
‘हाइकु-मुक्ति’
क्रान्ति, जनान्दोलन
इस प्रकार
जापानी कविता के
स्तम्भ हैं चार
हाइकु के आधार
बाशो, बुसोन
इस्सा और शिकि हैं
सदा अमर
फैला रहा सुरभि
चारु पुष्प-प्रकर...
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