उपन्यास >> बंद कमरा बंद कमरासरोजिनी साहू
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‘बंद कमरा’ लेखिका सरोजिनी साहू के बहुचर्चित ओड़िया उपन्यास "गम्भीरी घर" का हिन्दी अनुवाद है
प्रस्तुत है पुस्तक के कुछ अंश
‘बंद कमरा’ एक स्त्री और पुरुष के अनूठे रिश्ते की कहानी है। कुकी एक गृहिणी है जिसकी ई-मेल के ज़रिये पाकिस्तान के एक कलाकार से जान-पहचान होती है और यह जान-पहचान आगे चलकर दोस्ती और फिर प्रेम में बदल जाती है। यह केवल स्त्री-पुरुष की प्रेम-कहानी ही नहीं है बल्कि परिवार, समाज और देश के आपसी रिश्तों की कहानी भी है; जहां पर कहीं धर्म का टकराव है और कहीं देश का। ये सारे रिश्ते कैसे दो व्यक्तियों के अंतरंग रिश्ते पर अपनी छाप छोड़ते हैं — यही सब इस रोचक उपन्यास का विषय है।
‘बंद कमरा’ लेखिका सरोजिनी साहू के बहुचर्चित ओड़िया उपन्यास "गम्भीरी घर" का हिन्दी अनुवाद है, जिसके अंग्रेज़ी, बांग्ला और मलयालम संस्करण भी प्रकाशित हो चुके हैं। ओड़िया साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित सरोजिनी साहू एक लोकप्रिय स्त्रीवादी लेखिका हैं। यौन-संबंधो से लेकर, महिलाओं की वेदना-संवेदना तक — उन्होंने हर विषय पर बड़ी बेबाकी से लिखा है।
‘बंद कमरा’ लेखिका सरोजिनी साहू के बहुचर्चित ओड़िया उपन्यास "गम्भीरी घर" का हिन्दी अनुवाद है, जिसके अंग्रेज़ी, बांग्ला और मलयालम संस्करण भी प्रकाशित हो चुके हैं। ओड़िया साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित सरोजिनी साहू एक लोकप्रिय स्त्रीवादी लेखिका हैं। यौन-संबंधो से लेकर, महिलाओं की वेदना-संवेदना तक — उन्होंने हर विषय पर बड़ी बेबाकी से लिखा है।
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