नारी विमर्श >> आदमी की निगाह में औरत (अजिल्द) आदमी की निगाह में औरत (अजिल्द)राजेन्द्र यादव
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आदमी की निगाह में औरत
Admi Ki Nigah Mein Aurat - A Hindi Book by Rajendra Yadav
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
आदमी की निगाह में औरत / राजेंद्र यादव स्त्री हमारा अंश और विस्तार है। वह हमारी ऐसी जन्मभूमि है जिसे हमने अपना उपनिवेश बना लिया है। यह किताब पिछले चार-पाँच दशकों में विभिन्न विचारोत्तेजक मसलों पर स्त्रियों के पक्ष में दी गई दलीलों के साथ-साथ उन जटिलताओं की ओर भी इशारा करती है, जिन पर हमारा रूढ़िग्रस्त समाज सोच ही नहीं पाता। यह पुस्तक भारतीय समाज में पुनरुत्थानवादी शक्तियों के उभरते दौर में धर्म और नैतिकता की आड़ में सबसे ज्यादा प्रताड़ित हो रही स्त्री की गुलामी की ऐतिहासिक संदर्भों में जाँच-पड़ताल करती है और 21वीं शताब्दी में स्त्री-मुक्ति की राह में खड़ी चुनौतियों से साक्षात्कार कराती है।
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