लोगों की राय

कविता संग्रह >> जवान होते हुए लड़के का कबूलनामा

जवान होते हुए लड़के का कबूलनामा

निशान्त

प्रकाशक : भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशित वर्ष : 2009
पृष्ठ :168
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 7747
आईएसबीएन :978-81-263-1696

Like this Hindi book 2 पाठकों को प्रिय

148 पाठक हैं

निशान्त की ये तमाम कविताएँ इस काव्य-अराजक समय में अपनी एक पहचान बनाती हैं...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book