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भक्षक

सुरेन्द्र मोहन पाठक

प्रकाशक : राजा पॉकेट बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2006
पृष्ठ :303
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 7685
आईएसबीएन :0

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सस्ते, खुरदुरे कागज में...

चिराग कासनीवाल को रात के अंधेरे में अपने पड़ोस से मौत का फरिश्ता अपनी तरफ झांकता जान पड़ता था, जो अपनी बाहें पसारे उसे उनमें समा जाने के लिए उकसाता था, हर घड़ी उसे एहसास दिलाता था कि कोई अनहोनी होने वाली थी। क्या वो सच में हलकान पशेमान था या वो उसके दिमाग का खलल था ?

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