अतिरिक्त >> वहशी वहशीसुरेन्द्र मोहन पाठक
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सस्ते, खुरदुरे कागज में...
वो गैरमामूली कत्ल था। सरकारी वकील का उसका कोर्ट में ऐसा भयानक खाका खींचने का इरादा था कि सुनने वालों की रूह कांप जाती और उन्हें कठघरे में खड़ा मासूम नौजवान लगने लगता
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