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संदूक में दुल्हन तथा अन्य कहानियां

मनोज दास

प्रकाशक : नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया प्रकाशित वर्ष : 2009
पृष्ठ :95
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 7242
आईएसबीएन :978-81-237-5499

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रोचक बाल-कथा संग्रह...

Sandook Mein Dulhan Tatha Anya Kahaniyan - A Hindi Book - by Manoj Das

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

संग्रह की कथाएं

१. बोलती गुफा
२. संदूक में दुल्हन
३. बाघ को जीवित करने वाले
४. प्रोफेसर लोमड़
५. सब कुछ अच्छे के लिए होता है
६. मुंह की कार्रवाई
७. नीला राक्षस
८. सोना–और सोना
९. एक स्वप्न का रहस्य
१॰. व्याकुल राक्षस

संदूक में दुल्हन


एक शहर के बाहर एक पुराना मंदिर था। वहां हर रोज सैकड़ों श्रद्धालु आते थे और मूर्ति के सामने फलों, मिठाइयों और सिक्कों की भेंट चढ़ाते थे।

स्वयं को बहुत होशियार समझने वाले एक नौजवान ने दाढ़ी बढ़ा ली, गेरुआ लिबास पहनना शुरू कर दिया और मंदिर के पास एक कुटिया में रहने लगा। वह अपनी आंखें मूंदकर इस तरह से बैठता था जैसे कि गहरे चिंतन में लगा हो। लेकिन उसने बैठने के लिए ऐसा स्थान चुना ताकि मंदिर आने वाले सभी लोग उसे देख सकें। वह बहुत कम बोलता था।
श्रद्धालु यही कहते, ‘‘अवश्य कोई धर्मात्मा होगा !’’ समय के साथ वहां आने वाले श्रद्धालुओं की यह आदत ही बन गई थी कि वे मंदिर में देवता की पूजा करने के बाद उसके पास आते थे। वे उसे प्रणाम करते और खाने की चीजें और पैसे अर्पण करते थे।

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