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बड़ी सोच का बड़ा जादू

डेविड जे. श्वार्टज़

प्रकाशक : मंजुल पब्लिशिंग हाउस प्रकाशित वर्ष : 2009
पृष्ठ :332
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 7221
आईएसबीएन :9788186775264

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सफलता के गुर सीखें ! बड़ा सोचें और वो सब पाएँ जिसकी आपको हमेशा चाह थी...

Badi Soch Ka Bada Jadu - A Hindi Book - by David J Schwartz

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

इतनी बड़ी पुस्तक क्यों ? बड़ी सोच के बड़े जादू पर इतनी चर्चा आख़िर क्यों ? इस साल बारह हज़ार पुस्तकें छपेंगी। फिर एक और पुस्तक क्यों ?
मुझे इस बारे में कुछ कहने दें।
कुछ साल पहले मैंने एक बेहद प्रभावशाली सेल्स मीटिंग में हिस्सा लिया। इस कंपनी का वाइस प्रेसिडेन्ट बहुत ज़्यादा रोमांचित था। वह अपने सेल्समैनों को कोई महत्वपूर्ण बात समझाना चाहता था। उसके साथ मंच पर उस संगठन का नंबर वन सेल्समैन था जो दिख तो साधारण रहा था, परंतु उसने अभी ख़त्म हुए साल में 60,000 डॉलर का बिज़नेस किया था। बाक़ी सेल्समैनों ने औसतन 12,000 डॉलर कमाये थे।

वाइस प्रेसिडेन्ट ने ग्रुप से कहा, ‘मैं चाहता हूँ कि आप हैरी की तरफ़ ध्यान से देखें। आख़िर हैरी में ऐसा क्या है, जो आप सबमें नहीं है ? हैरी ने औसत से पाँच गुना ज़्यादा कमाई की है, परंतु क्या हैरी आपसे पाँच गुना ज़्यादा स्मार्ट है ? नहीं, हमारे परीक्षण के हिसाब से ऐसा नहीं है। मैंने ख़ुद यह परीक्षण किया है। परीक्षण से पता चला है कि वह उतना ही स्मार्ट है, जितने कि आप लोग। ‘और क्या हैरी ने आप लोगों से पाँच गुना ज़्यादा मेहनत की है ? नहीं–यह भी सही नहीं है। वास्तव में उसने आप लोगों से ज़्यादा समय छुट्टियों में बिताया है।’ ‘क्या हैरी का इलाका बहुत बढ़िया है। एक बार फिर मुझे यही कहना पड़ेगा कि यह बात भी नहीं है। उसका इलाक़ा बाक़ी इलाकों से ख़ास अलग नहीं है। क्या हैरी ज़्यादा शिक्षित है ? क्या उसका स्वास्थ्य ज़्यादा अच्छा है ? एक बार फिर, नहीं। हैरी उतना ही औसत इन्सान है जितने कि आप लोग हैं, परंतु उसमें और आपमें एक फ़र्क़ है। ‘हैरी और आप लोगों में,’ वाइस प्रेसिडेन्ट ने कहा, ‘यह फ़र्क़ है कि हैरी की सोच आपकी सोच से पाँच गुना ज़्यादा बड़ी है।’ फिर, एक्जीक्यूटिव ने यह बताया कि सफलता का संबंध इन्सान के दिमाग़ के आकार में नहीं होता, बल्कि उसकी सोच के आकार से होता है।

यह एक दिलचस्प विचार था। और यह मेरे दिमाग़ में बार-बार आता रहा। मैंने लोगों को जितना देखा, जितने ज़्यादा लोगों के साथ बात की, मैं सफल लोगों की ज़िंदगी में जितनी गहराई तक गया, मुझे उतना ही लगता गया कि यह सचमुच दिलचस्प और शानदार विचार था। हर घटना मुझे यही बताती थी कि किसी इन्सान की सोच के आकार पर ही उसके बैंक अकाउंट, उसके सुख के अकाउंट, और उसकी संतुष्टि के अकाउंट का आकार निर्भर करता है। बड़ी सोच में सचमुच जादू की ताक़त होती है।

‘अगर बड़ी सोच से इतना सब हासिल होता है, तो फिर हर आदमी इसी तरीक़े से क्यों नहीं सोचता ?’ मुझसे यह सवाल कई बार पूछा जाता है। यहाँ इसका जवाब दिया जा रहा है। हम सभी अपने आसपास के माहौल से प्रभावित होते हैं। हमारी सोच हमारे आसपास की सोच का प्रॉडक्ट होती है। और हमारे आसपास की ज़्यादातर सोच छोटी होती है, बड़ी नहीं। आपके चारों तरफ़ एक ऐसा माहौल है जो आपको पीछे धकेलना चाहता है, आपको धक्के मारकर सेकंड क्लास स्ट्रीट में गिराना चाहता है। आपको बार-बार बताया जाता है कि दुनिया में ‘लीडर्स भरे पड़े हैं कमी तो पीछे चलने वाले छोटे लोगों की है।’ दूसरे शब्दों में आपको यह समझाया जाता है कि लीडर बनने का मौका मुश्किल से मिलता है, और चूँकि दुनिया में बहुत सारे लीडर्स भरे पड़े हैं, इसलिये आप ज़िंदगी में छोटे आदमी बनकर ही सुखी रहें। परंतु ‘लीडर्स भरे पड़े हैं’ वाले विचार में सच्चाई नहीं है। हर व्यवसाय में चोटी के लोग आपको बता सकते हैं, ‘समस्या यह है कि छोटे लोग बहुत ज्य़ादा तादाद में होते हैं और बहुत कम लोग लीडर्स होते हैं।’

यह छोटा और घटिया माहौल कुछ और बातें भी कहता है। यह आपको बताता है, ‘जो-जो होना है, सो-सो होता है।’ यानी कि आपकी क़िस्मत पर आपका ज़ोर नहीं चलेगा, क्योंकि आपका ‘भाग्य’ आपके कर्म से ज़्यादा ताक़वर होता है। इसलिये आप अपने सपनों को भूल जाएं, बड़े घर की हसरत को भूल जाएं, बच्चों को कॉलेज भेजने के अपने इरादे को भूल जाएं, बेहतर ज़िंदगी को भूल जाएं। सब कुछ किस्मत पर छोड़ दें। बिस्तर पर लेट जायें और मरने का इंतजार करें।
और यह बात भी आप सबने सुनी होगी, ‘सफलता की क़ीमत बहुत ज़्यादा होती है,’ क्योंकि चोटी पर पहुँचने के लिये आपको अपनी आत्मा, अपना पारिवारिक जीवन, अपनी अंतरात्मा, अपने जीवनमूल्य बेचने पड़ते हैं। परंतु सच तो यह है कि सफलता की क़ीमत इतनी ज़्यादा नहीं होती। आगे बढ़े हर क़दम से आपको लाभ ही होता है।

हमारे आसपास का माहौल हमें यह भी बताता है कि जीवन में चोटी के स्थानों के लिये बहुत ज़्यादा प्रतियोगिता होती है। परंतु क्या सचमुच ऐसा है ? एक रोज़गार अधिकारी ने मुझे बताया कि 50,000 डॉलर प्रतिवर्ष की नौकरियों के लिये जितने आवेदन उसके पास आते हैं, उससे 50 से 250 गुना आवेदन 10,000 डॉलर प्रतिवर्ष की नौकरियों के लिये आते हैं। इसका मतलब है कि फर्स्ट क्लास एवेन्यू में नौकरी की तुलना में सेकंड क्लास स्ट्रीट पर नौकरी करने में कम से कम 50 गुना ज़्यादा प्रतियोगिता का सामना करना पड़ता है। फर्स्ट क्लास एवेन्यू, यू एस ए छोटी सी वीरान सड़क है। वहाँ पर आप जैसे लोगों के लिये काफ़ी जगह है, उन लोगों के लिये जो बड़ा सोचने का साहस कर पाते हैं।

बड़ी सोच का बड़ा जादू में जो मूलभूत सिद्धांत और विचार हैं, वे बहुत ऊँची जगहों से लिये गये हैं, महान और श्रेष्ठ तरीक़े से सोचने वाले विचारकों से लिये गये हैं। जैसे प्रॉफेट डेविड, जिन्होंने लिखा था, ‘जैसा आप अपने अपने दिल में सोचते हैं, आप वैसे ही होते हैं।’ या इमर्सन, जिन्होंने कहा था, ‘महान लोग वे होते हैं जो यह देख सकते हैं कि विचार ही दुनिया पर शासन करते हैं।’ या फिर मिल्टन, जिन्होंने पैराडाइज़ लॉस्ट में लिखा है, ‘मस्तिष्क का अपना स्थान निश्चित होता है और स्वर्ग को नर्क बना सकता है और नर्क को स्वर्ग।’ शेक्सपियर जैसे महान मस्तिष्क वाले व्यक्ति का कहना था, ‘कोई भी चीज़ बुरी यह अच्छी नहीं होती, हमारा नज़रिया ही उसे अच्छी या बुरी बनाता है।’ परंतु हमें इस बात का प्रमाण कैसे मिलेगा ? हमें यह कैसे पता चलेगा कि यह महान विचारक सही थे ? सवाल जायज़ हैं। इसका प्रमाण हमें अपने आसपास के उन चुनिंदा लोगों से मिलेगा जिन्होंने सफलता, उपलब्धियाँ और सुख हासिल करके यह साबित कर दिया है कि बड़ी सोच सचमुच जादू की तरह काम करती है। हमने यहाँ जो आसान क़दम सुझाए हैं, वे कोरे सिद्धांत नहीं हैं, जिन्हें बिना जांचे-परखे हमने आपके सामने परोस दिया है। वे किसी एक आदमी की राय या कल्पना की उपज नहीं हैं। वे जीवन की स्थितियों के बारे में आज़मायी हुई तकनीकें हैं और शाश्वत रूप से सफल होने वाली ऐसी तकनीकें हैं जो जादू की तरह काम करती हैं।
आप यह पेज पढ़ रहे हैं इससे यह साबित होता है कि आप बड़ी सफलता हासिल करने में रुचि रखते हैं। आप अपनी इच्छाओं को पूरा करना चाहते हैं। आप बेहतर जीवनशैली का आनंद लेना चाहते हैं। आप वे सारी चीजें, हासिल करना चाहते हैं जो आपको लगता है कि आपके पास होनी चाहिये। सफलता में रुचि रखना एक अद्भुत गुण है।

आपमें एक और अद्भुत गुण है। आप इस पुस्तक को अपने हाथ में पकड़े हुए हैं, इससे यह पता चलता है कि आपमें अपने लक्ष्य तक पहुँचने के लिये औज़ार खोजने की बुद्धि भी है। किसी भी चीज़ को बनाने के लिये, चाहे वह कार हो, पुल हो या मिसाइल हो, हमें औज़ारों की ज़रूरत होती है। कई लोग सफल जीवन बनाने की कोशिश करते समय यह भूल जाते हैं कि इस काम में उनकी मदद करने के लिये कई औज़ार भी हैं। आप यह नहीं भूले हैं। आपमें इस तरह दो ऐसे मूलभूत गुण हैं जिनकी वजह से आप इस पुस्तक का सच्चा लाभ उठा सकते हैं : बड़ी सफलता हासिल करने की इच्छा, और उस इच्छा को पूरा करने में किसी औज़ार की मदद लेने की बुद्धि।

बड़ा सोचिये और आप जीवन में बड़े बन सकेंगे। आपको बड़े-बड़े सुख मिलेंगे। आपकी उपलब्धियाँ बड़ी होंगी। आपकी आमदनी बड़ी होगी। आपके दोस्त बड़े होंगे। आपको लोग बड़ा सम्मान देंगे।
तो वादे बहुत हो चुके। अब शुरू करिये। अभी। और जानिये कि आप अपनी सोच को किस तरह अलादीन के चिराग़ की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। महान दार्शनिक डिज़राइली के इस विचार से शुरू करें ‘ज़िंदगी इतनी छोटी है कि इसे घटिया नहीं होना चाहिये।’


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