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स्वास्थ्य-चिकित्सा >> सौ साल स्वस्थ कैसे रहें

सौ साल स्वस्थ कैसे रहें

सलिला तिवारी

प्रकाशक : पेंग्इन बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2008
पृष्ठ :299
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 7183
आईएसबीएन :978-0-14-310287

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प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाइए और जानिए सौ साल स्वस्थ रहने का रहस्य...

Sau Sal Swath Kaise Rahen - A Hindi Book - by Salila Tiwari

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

मौजूद समय में, तेज़ रफ़्तार ज़िंदगी, भागदौड़ और व्यस्तता के बावजूद, जहां एक ओर कुछ लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति बेहद जागरुक हैं, वहीं कुछ लोग अपने दोषपूर्ण आहार-विहार, ग़लत जीवनशैली, पाश्चात्य तर्ज़ पर विदेशी खानपान, जंकफ़ूड आदि को अपने जीवन में शामिल कर अपने स्वास्थ्य के साथ ज़्यादती भी कर रहे हैं।
प्राकृतिक चिकित्सा जीवन में अहम भूमिका निभाती है। प्रकृति प्रदत्त अमूल्य पंचमहाभूत तत्वों (जिनका समर्थन भारतीय शास्त्र, वेद, पुराण भी करते हैं)–जल, आकाश, मिट्टी, वायु, सूर्य–के द्वारा चिकित्सा कर अपने स्वास्थ्य में गुणात्मक सुधार लाया जा सकता है।
एक क़दम प्रकृति की ओर बढ़ाकर तो देखिए, यक़ीन मानिए प्रकृति आपको अपने समीप लौटने के लिए विवश कर देगी। प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाइए और जानिए सौ साल स्वस्थ रहने का रहस्य।

अनुक्रम


१. सच्चा स्वास्थ्य–प्राकृतिक जीवन
२. प्रकृति एवं मनुष्य का घनिष्ठ संबंध
३. परमात्मा की कल्याणकारी व्यवस्था
४. दिव्य प्राणशक्ति ही महान चिकित्सक है
५. रोगों का स्वरूप
६. रोगों के कारण
७. रोगों की अवस्थाएं
८. उत्तम स्वास्थ्य की पहचान
९. उत्तम स्वास्थ्य–प्राणशक्ति की सुरक्षा
१॰. उत्तम स्वास्थ्य की प्रथम आवश्यकता–आकाश तत्व
११. सभी रोगों का ब्रह्मास्त्र–उपवास
१२. वायु तत्व और वायु चिकित्सा
१३. सूर्य या अग्नि तत्व
१४. सूर्य किरण चिकित्सा
१५. जल तत्व
१६. जल चिकित्सा
१७. पृथ्वी तत्व या मिट्टी
१८. मिट्टी चिकित्सा
१९. अन्न एवं ब्रह्म
२॰. आहार ही औषधि है
२१. व्यायाम
२२. विश्राम एवं शिथिलीकरण
२३. स्वच्छता-निर्मलता
२४. स्वस्थ एवं सकारात्मक विचारधारा
२५. आधुनिक चिकित्सा और दवाओं के घातक परिणाम
२६. प्राकृतिक चिकित्सा–सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा विज्ञान
२७. गृहिणियों से अनुरोध
२८. प्राकृतिक चिकित्सा के चमत्कार की अनुभूतियां


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