हास्य-व्यंग्य >> जादू की सरकार जादू की सरकारशरद जोशी
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एक सज्जन बनारस पहुँचे। स्टेशन पर उतरे ही थे कि एक लड़का दौड़ता आता। ‘‘मामाजी ! मामाजी !’’—लड़के ने लपक कर चरण छूए। वे पहताने नहीं। बोले—‘‘तुम कौन ?’’
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