सिनेमा एवं मनोरंजन >> हॉलीवुड बॉलीवुड हॉलीवुड बॉलीवुडअनवर जमाल, सैबल चटर्जी
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इस पुस्तक में कुछ ऐसे बहुसूचित लेखों का संकलन है, जिनके माध्यम से भारतीय सिनेमा को वैश्वीकरण की नवजात प्रक्रिया के तमाम चीजों से हटाकर उचित दृष्टिकोण से देखने-समझने का प्रयास किया गया है....
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
मुंबई के फिल्म-निर्माताओं-निर्देशकों और उसके कैंप से जुड़े लोगों के लिए
ये उत्तेजना भरे क्षण हैं। भारत से मनोरंजन का निर्यात 1998 के 40 मिलियन
डॉलर के बढ़कर 200 मिलियन डॉलर की सीमा तक पहुंच चुका है। इसलिए कोई भी इस
ऐश्वर्य के झांसे में आ सकता है, जो भारतीय सिनेमा के उद्भव को लेकर गढ़ा
जा रहा है, संक्षेप में कहें तो बॉलीवुड सिनेमा के इर्द-गिर्द, और यह कहा
जा रहा है कि विश्व मंच पर यह एक शक्ति के रूप में उभर रहा है। इस पुस्तक
में कुछ ऐसे बहुसूचित लेखों के संकलन है, जिनके माध्यम से भारतीय सिनेमा
के वैश्वीकरण की नवजात प्रक्रिया को तमाम चीजों से हटकर उचित दृष्टिकोण से
देखने-समझने का प्रयास किया गया है। इसका उद्देश्य यह है कि हर तरीके से,
शोर-शराबे से हटकर, इस नई घटना की ऊंचाइयों-निचाइयों के देखा-परखा जा सके
और उसके माध्यम से इसकी एक संतुलित तस्वीर सामने आ सके- जो आवश्यक नहीं कि
अपने आप में पर्याप्त हो, लेकिन इस नई परिघटना को समझने में जो सहायक हो।
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