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कहानी संग्रह >> सिर्फ रेत ही रेत

सिर्फ रेत ही रेत

कामिनी

प्रकाशक : आराधना ब्रदर्स प्रकाशित वर्ष : 2006
पृष्ठ :69
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 6486
आईएसबीएन :81-89076-06-X

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कामिनी की कहानियां वर्तमान को आवाज लगाती हैं, ललकारती हैं, आज का समय उनकी कहानियों में बोलता है।

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