नाटक-एकाँकी >> आजादी के दीवाने आजादी के दीवानेअवध किशोर सक्सेना
|
10 पाठकों को प्रिय 69 पाठक हैं |
अपने लिए सभी जीते हैं, लेकिन जो मोह ममता और सभी स्वार्थ त्यागकर देश और समाज के लिए जीते हैं उनका जीवन श्रेयष्कर होता है तथा इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में उनका गौरव सदा के लिए अमर हो जाता है।
|
लोगों की राय
No reviews for this book