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बचे व्यंजनों से बने नये व्यंजन

कोमल तनेजा

प्रकाशक : फ्यूजन बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2008
पृष्ठ :100
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 6358
आईएसबीएन :81-8419-304-1

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सरल और सृजनात्मक विधियों द्वारा बचे भाप वाले चावल, बिरियानी/पुलाव, पास्ता, आलू, सब्जियां, स्नैक्स/टिक्का, सलाद, दाल/करी, रोटी/पराठा, मिठाई का पुनः प्रयोग....

Bache Vyanjano se bane naye Vyanjan

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

वर्तमान युग में गृहणियां बढ़ती कीमतों के दबाव में जी रही हैं। चीजों के बढ़ते दामों व घर के बजट में कटौती का सीधा असर रसोई पर पड़ता है, कटौती की शुरूआत भी वहीं से की जाती है। वे हमेशा यही चाहती हैं कि रात के बचे भोजन को अगले दिन नाश्ते, दोपहर या रात के समय खाया जा सके। यहाँ लेफ्टओवर (बचे हुए) भोजन से अभिप्राय ऐसे भोजन से है जो अक्सर दोपहर या रात के भोजन के बाद बच जाता है, जिसे दोबारा खाने के लिए फ्रिज में रखा जाता है। चूँकि पुराने समय से ही भोजन को कीमती, शुद्ध व पवित्र माना जाता है इसलिए बचे भोजन को फेंकना या बेकार करना पाप माना जाता है (बचा हुआ भोजन साफ-सुथरा व सेहतमंद होता है उसे दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है)

समर्पण

यह पुस्तक उन सभी कामकाजी महिलाओ व गृहिणियों को समर्पित है, जो योग्य गृहसंचालिकाएं हैं व दिए गए बजट में परिवार के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी लेते हुए, पूरे शान व गौरव के साथ रसोईघर संभालती हैं।
मैं ‘मेकओवर फॉर लेफ्ट ओवर’ की नई विचारधारा को सामने लाने के लिए अपने सहयोगी विकास कुमार व ईश्वरी प्रसाद के कड़े प्रयासों व परिश्रम के लिए आभार व्यक्त करते हुए, उनके समर्पण व सहयोग के लिए भी धन्यवाद देती हूँ।

भूमिका

यहाँ लेफ्टओवर (बचे हुए) भोजन से अभिप्राय ऐसे भोजन से है जो अक्सर दोपहर या रात के भोजन के बाद बच जाता है, जिसे दोबारा खाने के लिए फ्रिज में रखा जाता है। चूँकि पुराने समय से ही भोजन को कीमती, शुद्ध व पवित्र माना जाता है इसलिए बचे भोजन को फेंकना या बेकार करना पाप माना जाता है (बचा हुआ भोजन साफ-सुथरा व सेहतमंद होता है उसे दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है)
वर्तमान युग में गृहणियां बढ़ती कीमतों के दबाव में जी रही हैं। चीजों के बढ़ते दामों व घर के बजट में कटौती का सीधा असर रसोई पर पड़ता है, कटौती की शुरूआत वहीं से की जाती है। वे हमेशा यही चाहती हैं कि रात के बचे भोजन को अगले दिन नाश्ते, दोपहर या रात के समय खाया जा सके।
आज के समय में काफी तकनीकी सुधार व तरक्की हो चुकी है; फ्रोस्ट फ्री रेफ्रीजिरेटर व डीप फ्रिज़र हैं, जिनमें उचित तापमान पर भोजन का भण्डारण कर सकते हैं। आप मेरी इस पुस्तक में दिए रचनात्मक तरीकों की मदद से व रसोई के लिए थोड़ा समय निकाल कर, रात के बचे हुए भोजन से विविध नए व्यंजन बना कर अपने परिवार का आश्चर्यचकित कर सकती हैं।

प्रत्येक गृहिणी में अपने परिवार के लिए भोजन पकाते समय प्रेम, धैर्य, जन्मजात प्रवृत्ति व पाक कला में विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। कहा भी गया है कि पेट की राह से किसी का दिल जीता जा सकता है। अक्सर भोजन के बाद बचा भोजन फ्रिज में दोबारा इस्तेमाल के लिए रख तो दिया जाता है लेकिन इस भोजन के पुन: प्रयोग के लिए नए विचार और नई व्यंजन विधियों की जानकारी की कमी के कारण यह भोजन इस्तेमाल नहीं हो पाता और जब तक उसकी याद आती है, तो यह बासी हो चुका होता है फिर उसे फेंकना ही पड़ता है।
ऐसा प्राय: हर घर में होता, फिर आपको मन ही मन अफसोस होता है कि आपकी मेहनत बेकार गई, स्वादिष्ट व्यंजन बेकार हो गए और दोबारा इस्तेमाल भी नहीं हो सके। अत: मैंने इस पुस्तक में अपनी रचनात्मकता, विशेषज्ञता, प्रतिभा वा स्वभावगत विशेषता का पूरा इस्तेमाल करते हुए, बचे हुए भोजन को नई व्यंजन विधियों में बदला है। बस कुछ ताजी सामग्री, मसाले व जड़ी-बूटियाँ मिला कर इस भोजन से स्वादिष्ट व्यंजन तैयार हो सकते हैं।

इन व्यंजनों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इन्हें बनाने में कम समय लगता है व स्वादानुसार बदलाव भी लाए जा सकते हैं। यह पुस्तक कामकाजी महिलाओं के लिए काफी कारगर है, जिन्हें नौकरी व घरेलू मोर्चे दोनों ही संभालने पड़ते हैं। वे इस पुस्तक की मदद से फ्रिज में बचे भोजन को, बहुत कम समय में, थोड़ी ताजा सामग्री व मसाले के बल पर नए व्यंजन में बदल सकती हैं। इस तरह उनके पास विविध व्यंजनों की तालिका हमेशा तैयार रहेगी।

कॉलेज जाने वाले छात्र व घर से बाहर जा कर विदेशों में पढ़ने वाले छात्र भी, इस पुस्तक में दी गई रचनात्मक विधियों द्वारा स्वादिष्ट व्यंजन बहुत कम समय में तैयार कर सकते हैं।

कोमल तनेजा के बारे में

‘जुनून की कोई हद नहीं होती और किसी औपचारिक डिग्री या डिप्लोमा से बढ़ कर सबसे बड़ी शिक्षक है आपकी रुचि।’

कोमल तनेजा की कहानी सफलता की अनूठी दास्तान है। उनका जन्म अमृतसर (पंजाब, भारत) में हुआ। उनके स्वर्गीय पिता कर्नल गुरदीप सिंह ने पूरी लगन और अनुशासन से भारतीय सेना की सेवा की। उनकी माता जी श्रीमती गुरमीत कौर, एक सुघड़ कर्मठ गृहिणी हैं, जिनसे कोमल ने विरासत में पाक कला का हुनर पाया। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.एस.सी. बोटनी (ऑनर्स) में टॉप किया और ‘डी फार्मा’ का कोर्स भी किया लेकिन विभिन्न खाद्य सामग्रियों से नए-नए व्यंजन बनाने में उन्हें ज्यादा आनंद आता।

कोमल तनेजा ने पाक कला की इस रुचि को अपने परिवार व सहयोगी पति श्री भूपिंदर सिंह तनेजा के कहने पर व्यवसाय में बदल दिया। अब वे एक जानी-मानी पाक कला विशेषज्ञा के रूप में जानी जाती हैं। वे ‘सहारा समय’ चैनल पर ‘कुछ किचन से’ तथा ‘सहारा एन.सी.आर.’ की ओपन लाइन प्रश्नमाला के जरिए काफी प्रसिद्ध पा चुकी हैं। उन्हें पाक कला के इस क्षेत्र में अपने ही अनूठे अंदाज व व्यंजनों को नए-नए तरीके से पेश करने में महारत हासिल है, जो इस क्षेत्र में एक मिसाल है। उनके प्रशंसक उनकी वेबसाइट डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू.कोमल किचन डॉट कॉम पर भी उनसे संपर्क बनाए रख सकते हैं। वे सदा नये विचारों पर प्रयोग करती रहती हैं। उन्होंने आज तेजी से भागती जिंदगी के लिए कई अच्छे व अनुकूल व्यंजन तैयार किए हैं। उनके तैयार किए गए व्यंजन पाक कला की किताबों व कॉफी टेबल बुक में स्थान पा चुके हैं। कोमल कुक बुक में दी गई सारी डिश व व्यंजन विधियां काफी आसान हैं। इनमें समय भी कम लगता है तथा पोषण भी भरपूर है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इनमें आम बोलचाल की भाषा में लिखा गया है ताकि कोई अनाड़ी भी इन्हें पढ़ कर पूरे आत्मविश्वास व सफलता के साथ कोई व्यंजन तैयार कर सके।

कोमल तनेजा की पाक कला वर्कशॉप दिल्ली में लगती है जहां पाक कला सीखने के ऐसे जिज्ञासु पहुंचते हैं जो इस क्षेत्र में कुछ नया कर दिखाने की चाह रखते हैं। वे विदेशी पर्यटकों, स्कूलों, महिला पोलीटेक व समाज सेवी संस्थाओं के लिए भी निजी कक्षाएं चलाती हैं। भई वाह ! फस्ट क्लास जैसे वाक्य, कोमल ने अपनी मेहनत व लगन के बल पर अर्जित किए हैं। बढ़िया प्रस्तुतीकरण व गुणवत्ता कोमल के व्यावसायिक जीवन के ट्रेडमार्क बन गए हैं कहना न होगा कि पाक कला का शौक उनके लिए किसी जुनून से कम नहीं है। उनके लेख व व्यंजनों की विधियां अनेक जाने-माने पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। जिनमें से फेमिनी, सैवी, कुक, बुक, फैमिनी कुक बुक, एच टी ब्रंच, फोरडी वूमन, फोटोलुक टूरिज़्म, गृहलक्ष्मी, मेरी संगिनी, एच टी एस्टेट व गृहशोभा आदि प्रमुख हैं।


चाइनीज चावल सलाद


तैयारी में लगा
कुल समय: 20 मिनट
कुल 4 लोगों के लिए

सामग्री

4 कप बचे हुए उबले या भाप में पके चावल
2 बड़े चम्मच जैतून का खेल
½ छोटी चम्मच ऑरीगेनो
½ छोटा चम्मच कुटी लाल मिर्च
½ कप हरा बारीक कतरा हुआ प्याज
½ कप छोटे टुकड़ों में हरी शिमला मिर्च
½ कप बारीक कटे टमाटर
½ कप उबले या डिब्बाबंद मक्के के दाने
नमक और काली मिर्च स्वादानुसार

मसाले

1 छोटा चम्मच सोया सॉस
1 बड़ा चम्मच सिरका
1 छोटा चम्मच हरी मिर्च सॉस

सजावट

धनिया पत्ती बारीक कतरी
किसके साथ परोसें: स्वीट चिली सॉस

विधि

1. एक नॉन स्टिक कड़ाही में जैतून का तेल गर्म करें, इसमें ऑरीगेनो, मोटी कुटी लाल मिर्च व हरा प्याज डाल दें।
2. एक मिनट तक भूनने के बाद शिमला मिर्च व टमाटर मिलाएं। 2 मिनट लगातार चलाएं और फिर मक्के के दाने, नमक व काली मिर्च मिला दें।
3. अच्छी तरह मिलाएं; मसाले व चावल मिला कर आंच धीमी कर दें, धीरे से पलटें और आंच से उतार लें।
4. परोसने वाली प्लेट में डालें, धनिया पत्ती से सजावट करें; 15 से 20 मिनट तक फ्रिज में ठण्डा होने दें या स्वीट चिली सॉस के साथ यूँ ही परोसें।



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