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बहु भागीय सेट >> पंचतंत्र की कहानियाँ

पंचतंत्र की कहानियाँ

युक्ति बैनर्जी

प्रकाशक : बी.पी.आई. इण्डिया प्रा. लि. प्रकाशित वर्ष : 2007
पृष्ठ :16
मुखपृष्ठ :
पुस्तक क्रमांक : 6326
आईएसबीएन :978-81-7693-529

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पंचतंत्र की कहानियाँ बच्चों के लिए शिक्षाप्रद कहानियाँ हैं। प्रचलित लोककथाओं के द्वारा प्रसिद्ध गुरु विष्णु शर्मा ने तीन छोटे राजकुमारों को शिक्षा दी।

Panchtantra Ki Kahaniyan

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

अनुक्रम

1. तीन मछलियाँ
2. उल्लू और हंस
3. बगुला और केकड़ा

पंचतंत्र की कहानियाँ


पंचतंत्र की कहानियाँ बच्चों के लिए शिक्षाप्रद कहानियाँ हैं। प्रचलित लोक कथाओं के द्वारा प्रसिद्ध गुरु विष्णु शर्मा ने तीन छोटे राजकुमारों को शिक्षा दी। ‘पंच’ का अर्थ है पाँच और ‘तन्त्र’ का अर्थ है प्रयोग। विष्णु शर्मा ने उनके व्यवहार को इन सरल कहानियों के द्वारा सुधारा। आज भी ये कहानियाँ बच्चों की मन पसंद कहानियाँ हैं।

तीन मछलियाँ


एक झील थी। उसमें सुमा, नीमा तथा रीमा नाम की तीन मछलियाँ रहती थीं। उनमें आपस में बहुत दोस्ती थी। सुमा बहुत बुद्धिमती थी, नीमा चालाक तथा रीमा एकदम बुद्धू तथा जिद्दी थी।

एक दिन बुद्धिमती सुमा ने दो मछुआरों को आपस में मछलियाँ पकड़ने की योजना बनाते सुना। सुमा जल्दी से अपनी मित्र मछलियों के पास पहुँची और उनसे बोली, ‘‘हमें यह झील जल्दी से छोड़ देनी चाहिए। मछुआरे आते ही कहीं हमें पकड़ न लें !’’

चालाक नीमा बोली, ‘‘इतनी जल्दी क्या है ? जब कल वे आएंगे तो हम उनसे निपट लेंगे।’’ जिद्दी मछली बोली, ‘‘मैं इसी झील मैं पैदा हुई हूँ। मैं इस जगह को किसी भी कीमत पर छोड़कर नहीं जाऊँगी।’’

अगले दिन सुमा झील से लगी एक नहर के रास्ते दूसरी जगह चली गई। जब मछुआरों ने आकर जाल फेंका तो नीमा और रीमा दोनों मछलियाँ फँस गयीं। रीमा ने आशा छोड़ दी और मछुआरे की टोकरी में पहुँच गई। नीमा चालाक थी। उसने ऐसा ढोंग किया माने वह मर गई हो। एक मछुआरे ने मरा समझ कर उसे पानी में फेंक दिया। सुमा और नीमा दोनों बच गयीं और उसी झील में रह गईं परन्तु उन्होंने अपनी प्यारी सहेली रीमा को खो दिया।

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