बहु भागीय सेट >> पंचतंत्र की कहानियाँ पंचतंत्र की कहानियाँयुक्ति बैनर्जी
|
1 पाठकों को प्रिय 165 पाठक हैं |
पंचतंत्र की कहानियाँ बच्चों के लिए शिक्षाप्रद कहानियाँ हैं। प्रचलित लोककथाओं के द्वारा प्रसिद्ध गुरु विष्णु शर्मा ने तीन छोटे राजकुमारों को शिक्षा दी।
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
अनुक्रम
1. गानेवाला गधा2. नीला सियार
3. बंदर और मगरमच्छ
पंचतंत्र की कहानियाँ
पंचतंत्र की कहानियाँ बच्चों के लिए शिक्षाप्रद कहानियाँ हैं। प्रचलित लोक कथाओं के द्वारा प्रसिद्ध गुरु विष्णु शर्मा ने तीन छोटे राजकुमारों को शिक्षा दी। ‘पंच’ का अर्थ है पाँच और ‘तन्त्र’ का अर्थ है प्रयोग। विष्णु शर्मा ने उनके व्यवहार को इन सरल कहानियों के द्वारा सुधारा। आज भी ये कहानियाँ बच्चों की मन पसंद कहानियाँ हैं।
गानेवाला गधा
एक धोबी था। उसके पास एक गधा था।
एक दिन गधे को एक सियार मिला। दोनों में दोस्ती हो गई। हर रात वे चुपके से मिलते और खाने की खोज में निकल पड़ते।
एक रात वे खीरों के बगीचे में पहुँचे।
वहाँ ताज़े रसदार खीरे लगे थे।
दोनों झटपट खीरे खाने में लग गए।
जल्दी से उनका पेट भर गया।
आसमान में पूरा चाँद चमक रहा था और ठंडी हवा चल रही थी। गधे ने सियार से कहा, ‘‘दोस्त आज मैं बहुत खुश हूँ। मैं एक प्यारा-सा गाना गाकर यह सुन्दर रात बिताना चाहता हूँ।’’ सियार ने समझाया, ‘‘दोस्त ऐसा नहीं करना। तुम्हारी आवाज़ से किसान जाग जाएँगे और हम मुसीबत में पड़ जाएँगे।’’
पर गधे ने उसकी बात न मानी और बोला, ‘‘ओह तुम मेरी मधुर आवाज़ से जलते हो।’’ सियार ने गधे से कहा, ‘‘ठीक है, गाना चाहते हो तो गाओ पर मुझे यहाँ से जाने दो।’’ यह कहकर सियार खेत से निकलकर चला गया।
गधा जोर से रेंकने लगा। किसान ने रेंकना सुना तो वह परिवार सहित लाठियाँ लेकर आ गया और गधे की खूब पिटाई की। पिटाई से दुखता तथा सूजा हुआ बदन लेकर गधा खेत से भागा। जब वह सियार के पास पहुँचा तो उसने माफ़ी माँगी, ‘‘क्षमा करना मित्र, पर मुझे तुम्हारी बात सुन लेनी चाहिए थी।’’
एक दिन गधे को एक सियार मिला। दोनों में दोस्ती हो गई। हर रात वे चुपके से मिलते और खाने की खोज में निकल पड़ते।
एक रात वे खीरों के बगीचे में पहुँचे।
वहाँ ताज़े रसदार खीरे लगे थे।
दोनों झटपट खीरे खाने में लग गए।
जल्दी से उनका पेट भर गया।
आसमान में पूरा चाँद चमक रहा था और ठंडी हवा चल रही थी। गधे ने सियार से कहा, ‘‘दोस्त आज मैं बहुत खुश हूँ। मैं एक प्यारा-सा गाना गाकर यह सुन्दर रात बिताना चाहता हूँ।’’ सियार ने समझाया, ‘‘दोस्त ऐसा नहीं करना। तुम्हारी आवाज़ से किसान जाग जाएँगे और हम मुसीबत में पड़ जाएँगे।’’
पर गधे ने उसकी बात न मानी और बोला, ‘‘ओह तुम मेरी मधुर आवाज़ से जलते हो।’’ सियार ने गधे से कहा, ‘‘ठीक है, गाना चाहते हो तो गाओ पर मुझे यहाँ से जाने दो।’’ यह कहकर सियार खेत से निकलकर चला गया।
गधा जोर से रेंकने लगा। किसान ने रेंकना सुना तो वह परिवार सहित लाठियाँ लेकर आ गया और गधे की खूब पिटाई की। पिटाई से दुखता तथा सूजा हुआ बदन लेकर गधा खेत से भागा। जब वह सियार के पास पहुँचा तो उसने माफ़ी माँगी, ‘‘क्षमा करना मित्र, पर मुझे तुम्हारी बात सुन लेनी चाहिए थी।’’
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book