अतिरिक्त >> अंधकार से प्रकाश की ओर अंधकार से प्रकाश की ओरस्वामी अगेह भारती
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दुर्भाग्य है, इस देश में जो भी थोड़ा पढ़ा-लिखा है वह स्वयं को बुद्धिजीवी मानता है। केवल डिग्रियां ले लेने से कोई बुद्धिजीवी नहीं हो जाता। बुद्धिजीवी होना कुछ और बात है।
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