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नेहरू बाल पुस्तकालय >> एक रात जंगल में

एक रात जंगल में

क्षमा शर्मा

प्रकाशक : नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया प्रकाशित वर्ष : 2006
पृष्ठ :16
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 6240
आईएसबीएन :81-237-4787-X

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चारों ओर घना जंगल था। उसमें कचनार, गुलमोहर, पीपल, सेमल, इमली, बरगद, नीम, आम, तथा और भी न जाने कितनी तरह के पेड़ थे। इन पेड़ों को किसी ने लगाया नहीं था।

Ek Rat Jungal Mein A Hindi Book by Kshama Sharma

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

एक रात जंगल में

चारों ओर घना जंगल था। उसमें कचनार, गुलमोहर, पीपल, सेमल, इमली, बरगद, नीम, आम, तथा और भी न जाने कितनी तरह के पेड़ थे। इन पेड़ों को  किसी ने लगाया नहीं था। ये अपने आप ही उग आए थे। जब वसंत आने को होता तो जंगल तरह-तरह के फूलों की खुशबू से महक उठता। जिधर देखो उधर ही चिडियों के मीठे गीत सुनाई देते।

जंगल में पेड़ों के अलावा, शेर, चीते, हिरन, हाथी, बंदर आदि पशु भी रहते थे। गुस्सा आने पर जब शेर दहाड़ता था तो बहुत बार बंदर जमीन गिर पड़ते थे। जब भी कोई शिकारी जानवर पास से गुजरता, चिड़ियां शोर मचा-मचाकर बाकी जानवरों को सावधान कर देतीं।

एक बार की बात है। बहुत तेज गरमी पड़ी। जंगल में जानवरों की प्यास बुझाने वाला इकलौता बड़ा तालाब भी सूख गया। चारों ओर हाहाकार मच गया। सारे जानवर जंगल छोड़-छोड़ कर भागने लगे। चिड़ियां दूर देश को उड़ गयीं। शेर-चीतों ने दूसरे जंगल में बसेरा किया।
 हिरन खेतों की तरफ निकल गये और उसमें से कई आसानी से लोगों द्वारा शिकार कर लिए गये। गरमी, प्यास और धूप से हाथी भी परेशान थे। वे जिधर जाते उधर ही उनको न खाने के लिए कुछ मिलता, न पानी ही। भीषण गरमी से जंगल के बाकी छोटे-छोटे तालाब भी सूख चुके थे। हथिनी माताएं अपने बच्चों की भूख-प्यास के कारण ज्यादा परेशान थीं।

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