नेहरू बाल पुस्तकालय >> सुलतान की पसंद और अन्य कहानियाँ सुलतान की पसंद और अन्य कहानियाँकला थैरानी
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प्रस्तुत है कला थैरानी की सुलतान की पसंद और अन्य कहानियाँ ...
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
सुल्तान की पसंद
फिलीपींस की एक कहानी
सुलतान मालाकास अब युवा नहीं रह गये थे। वह उम्र बढ़ने के साथ-साथ बूढ़े
और कमजोर हो चले थे। और जानते थे कि वह अधिक वर्षों तक जीवित रह पायेंगे।
उनकी इकलौती पुत्री मायुमी का अब तक विवाह नहीं हुआ था, बस यही चिंता हरदम सताती रहती थी। राजकुमारी युवा और फूल की तरह सुन्दर थी। उससे विवाह करने के लिए कई युवक तैयार थे और सुल्तान की भी यही इच्छा थी कि राजकुमारी उनके जीते जी विवाह कर ले।
यह सोचकर उन्होंने मायुमी को बुलाकर कहा कि वह उसके विवाह की तैयारी करना चाहते हैं।
‘‘लेकिन मैं किससे विवाह करूंगी, पिताजी ?’’ राजकुमारी ने पूछा।
‘‘उसी से, जो तुम्हारे लिए सबसे उपयुक्त वर हो,’’ राजा ने जवाब दिया।
‘‘ऐसा जो हमारी जनता पर भी भली-भांति शासन कर सके।’’
‘‘लेकिन सबसे उपयुक्त वर का चुनाव कौन करेगा ?’’
‘‘वह काम मैं करूंगा,’’ बूढ़े सुल्तान ने कहा।
उसी दिन राजा ने अपने दूतों को उन तीन राजकुमारों को अपने दरबार में आमंत्रित करने के लिए भेज दिया, जिन्हें वह अपनी पुत्री के लिए उपयुक्त समझते थे।
उनकी इकलौती पुत्री मायुमी का अब तक विवाह नहीं हुआ था, बस यही चिंता हरदम सताती रहती थी। राजकुमारी युवा और फूल की तरह सुन्दर थी। उससे विवाह करने के लिए कई युवक तैयार थे और सुल्तान की भी यही इच्छा थी कि राजकुमारी उनके जीते जी विवाह कर ले।
यह सोचकर उन्होंने मायुमी को बुलाकर कहा कि वह उसके विवाह की तैयारी करना चाहते हैं।
‘‘लेकिन मैं किससे विवाह करूंगी, पिताजी ?’’ राजकुमारी ने पूछा।
‘‘उसी से, जो तुम्हारे लिए सबसे उपयुक्त वर हो,’’ राजा ने जवाब दिया।
‘‘ऐसा जो हमारी जनता पर भी भली-भांति शासन कर सके।’’
‘‘लेकिन सबसे उपयुक्त वर का चुनाव कौन करेगा ?’’
‘‘वह काम मैं करूंगा,’’ बूढ़े सुल्तान ने कहा।
उसी दिन राजा ने अपने दूतों को उन तीन राजकुमारों को अपने दरबार में आमंत्रित करने के लिए भेज दिया, जिन्हें वह अपनी पुत्री के लिए उपयुक्त समझते थे।
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