अतिरिक्त >> याद रखो याद रखोअरविन्द शुक्ल
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जीवन को सुन्दर बनाने के लिए कुछ बातों का पालन करो और उन्हें स्मरण रखो ......
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
याद रखो
1. जब सन्देह में हो तो चुप रहें।
2. प्रशंसा की आशा मत करो, उसके हकदार बनो।
3. जो नम्रता जानता है वही मित्रता भी पैदा कर सकता है।
4. दु:खों का चिन्तन करने से हम बड़े होते हैं। भूल जाने से छोटे।
5. जिसे हार जाने का भय नहीं, उसे प्राय: हारना पड़ता ही नहीं।
6. अगर किसी विषय में हमारी जीत हुई है तो उस जीत को ऊँचे उठने की सीढ़ी बनाओ।
7. अपना लक्ष्य बनाकर चुप न बैठो।
8. भाग्य के भरोसे जिस काम को छोड़ोगे, वह फिर भाग्य से ही ठीक उतरेगा।
9. जिसे यह विश्वास है कि वह कभी सफल न होगा उसका विश्वास प्राय: ठीक उतरेगा।
10. यदि तुम्हें दो घड़ी की फुरसत है तो उस आदमी का समय नष्ट न करो, जिसे फुरसत नहीं।
11. संसार हमारी योग्यता की पहचान। हमने क्या किया, इससे करता है। हम क्या करेंगे, इससे नहीं करेगा।
12. मनुष्य को अपने जीवन में या तो कठिनाइयों का मुकाबला करना पड़ता है या असफलता का।
13. हम कितने बली हैं यह दिखाने का सबसे अच्छा उपाय दूसरों की कमजोरियों को न देखना।
14. दूसरे के पास जो वस्तु है उसका आनन्द जो लेना जानता है उसको कभी गरीबी नहीं सताती।
15. दूसरों के किये हुए कामों में ऐब ढूँढने में जितना समय लगाते हो उस कीमती समय में तुम खुद ही उस काम को कर सकते हो।
2. प्रशंसा की आशा मत करो, उसके हकदार बनो।
3. जो नम्रता जानता है वही मित्रता भी पैदा कर सकता है।
4. दु:खों का चिन्तन करने से हम बड़े होते हैं। भूल जाने से छोटे।
5. जिसे हार जाने का भय नहीं, उसे प्राय: हारना पड़ता ही नहीं।
6. अगर किसी विषय में हमारी जीत हुई है तो उस जीत को ऊँचे उठने की सीढ़ी बनाओ।
7. अपना लक्ष्य बनाकर चुप न बैठो।
8. भाग्य के भरोसे जिस काम को छोड़ोगे, वह फिर भाग्य से ही ठीक उतरेगा।
9. जिसे यह विश्वास है कि वह कभी सफल न होगा उसका विश्वास प्राय: ठीक उतरेगा।
10. यदि तुम्हें दो घड़ी की फुरसत है तो उस आदमी का समय नष्ट न करो, जिसे फुरसत नहीं।
11. संसार हमारी योग्यता की पहचान। हमने क्या किया, इससे करता है। हम क्या करेंगे, इससे नहीं करेगा।
12. मनुष्य को अपने जीवन में या तो कठिनाइयों का मुकाबला करना पड़ता है या असफलता का।
13. हम कितने बली हैं यह दिखाने का सबसे अच्छा उपाय दूसरों की कमजोरियों को न देखना।
14. दूसरे के पास जो वस्तु है उसका आनन्द जो लेना जानता है उसको कभी गरीबी नहीं सताती।
15. दूसरों के किये हुए कामों में ऐब ढूँढने में जितना समय लगाते हो उस कीमती समय में तुम खुद ही उस काम को कर सकते हो।
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