अतिरिक्त >> सुदामा की मुक्ति सुदामा की मुक्तिअमर गोस्वामी
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छोटे गुरुजी रामभजन शहर के रहने वाले थे। शहर से गांव पांच मील दूर था। वे रोज साइकिल से पाठशाला आते थे। वे समय के पक्के थे। पाठशाला में आकर घंटी बजवा देते तब मंझले गुरुजी दीनानाथ अपने गांव से रवाना होते थे।
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