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तीन कहानियाँ पंचतंत्र से

विनीता अग्रवाल

प्रकाशक : नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया प्रकाशित वर्ष : 2004
पृष्ठ :20
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 6154
आईएसबीएन :81-237-1788-1

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प्रस्तुत हैं तीन कहानियाँ पंचतंत्र से ...

Teen Kahaniyan Panchatantra Se-A Hindi Book by Vinita Agrawal

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

रंगा सियार

एक जंगल था। वहां एक सियार रहता था। वह बहुत  हुआं-हुआं करता था। उसकी तेज आवाज बेसुरी थी दूसरे सियारों ने उसका नाम चंडरव रखा था।

एक दिन चंडरव भूख से बेहाल था। भोजन की खोज में वह भटक रहा था। भटकता हुआ एक नगर में जा घुसा। फिर क्या था; नगर के कुत्ते उसके पीछे दौड़ पड़े। उनके दांत पैने थे। कुत्तों ने उसे बुरी तरह रगेदा। चंडरव घबराकर भागा। सामने धोबी का घर था। सियार उस घर में घुस गया। घर में नाद रखी थी नाद में नील का घोल था। सियार नाद में कूद पड़ा। चंडरव जब नाद से निकला तो नीला हो चुका था। कुत्तों ने नीले सियार को देखा तो चकरा गये। उन्होंने उसे नहीं पहचाना निराश कुत्ते लौट गये सियार भी जान बचाकर जंगल की ओर भागा।

नीला रंग पक्का होता है। आसानी से नहीं छूटता। कहावत है ‘मूर्ख, केंकड़ा, शराबी और नीला रंग जब पकड़ लेते हैं तो पीछा नहीं छोड़ते। जंगल के जानवरों  ने सियार का नीला रंग देखा। सारे जानवर भी चकरा गये। वे डर भी गये। उन्होंने सोचा कि इससे बचना चाहिए।  

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