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विभिन्न रामायण एवं गीता >> अष्टावक्र गीता

अष्टावक्र गीता

विपिन बिहारी श्रीवास्तव

प्रकाशक : किताबघर लखनऊ प्रकाशित वर्ष : 2002
पृष्ठ :328
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 528
आईएसबीएन :81-7951-001-8

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अष्टावक्र गीता अध्यात्म विज्ञान का बेजोड़ ग्रन्थ है। ज्ञान कैसे प्राप्त होता है? मुक्ति कैसे होगी? और वैराग्य कैसे प्राप्त होगा? ये तीन शाश्वत प्रश्न हैं जो हर काल में आत्मानुसंधानियो द्वारा पूछे जाते रहे हैं। राजा जनक ने भी ऋषि अष्टावक्र से ये ही प्रश्न किये थे। ऋषि अष्टावक्र ने इन्हीं तीन प्रश्नों का संधान जनक के साथ संवाद के रूप में किया है जो अष्टावक्र गीता के रूप में प्रचलित है।

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