बाल एवं युवा साहित्य >> लालिमा लालिमाकेशवदत्त चिन्तामणि
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एक रोचक बाल कहानियों का संग्रह
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
प्रस्तावना
‘लालिमा’ बाल कहानियों का संग्रह है। इसमें पहली कहानी
‘लालिमा’ ही है, यह प्रकृति के आधार पर लिखी गयी है। इसके
पात्रों के नामों से ही सारे भेद का उद्घाटन होता है। इसमें नित्य नवीन
ग्रन्थ वेद का अमर उपदेश निहित है। इसका अपना एक रूप यूरोप में प्रचलित
है।
‘नटखट बकरा’ महाभारत महाकाव्य के एक दृष्टान्त पर लिखी गयी मनमोहक विस्तृत कहानी है।
फिर दिवाली पर्व के आधार पर इस संग्रह में अनेक कहानियां है। ‘दिवाली और दिवाला’, ‘निराली दिवाली’, ‘द्रव्य दूत’ और ‘शलभोत्सव। इनमें इस प्रकाश पर्व की छटा के पीछे छिपी सुख-दुख की हृदय स्पर्शी कहानियाँ हैं।
‘त्रिकूच पर्वत’ मॉरिशस के पश्चिम में पायी जाने वाली एक पर्वत चोटी की पृष्ठभूमि पर लिखी गयी रोचक कहानी है।
‘अत्वरा’ में छोटे-छोटे जीवों की चेष्ठाओं का लुभावना वर्णन है।
‘दैन्यासुर’ मानव-पूर्व इतिहास की धरती की अनोखी काहानी है।
‘एक मुट्ठी राई’ में खगोल पर बालोपयोगी परिचयात्मक कहानी है।
मैंने विज्ञान और इतिहास जैसे रूखे विषयों को कहानी का रूप देकर बच्चों की समझ के अनुकूल बनाया है।
इन कहानियों के पात्र है नन्हें-नन्हें बच्चे, पशु पक्षी या कीट-पतंग जो अपनी भोली-भाली चेष्टाओं से सभी प्रकार के पाठकों के मन को अनायास वशीभूत कर लेते हैं।
आशा है छोटे-बड़े सभी इन कहानियों को पढ़कर आनान्द लेंगे, ज्ञान बढ़ायेंगे। और अपने जीवन में लाली लायेंगे।
केशवदत्त चिन्तामणि
‘नटखट बकरा’ महाभारत महाकाव्य के एक दृष्टान्त पर लिखी गयी मनमोहक विस्तृत कहानी है।
फिर दिवाली पर्व के आधार पर इस संग्रह में अनेक कहानियां है। ‘दिवाली और दिवाला’, ‘निराली दिवाली’, ‘द्रव्य दूत’ और ‘शलभोत्सव। इनमें इस प्रकाश पर्व की छटा के पीछे छिपी सुख-दुख की हृदय स्पर्शी कहानियाँ हैं।
‘त्रिकूच पर्वत’ मॉरिशस के पश्चिम में पायी जाने वाली एक पर्वत चोटी की पृष्ठभूमि पर लिखी गयी रोचक कहानी है।
‘अत्वरा’ में छोटे-छोटे जीवों की चेष्ठाओं का लुभावना वर्णन है।
‘दैन्यासुर’ मानव-पूर्व इतिहास की धरती की अनोखी काहानी है।
‘एक मुट्ठी राई’ में खगोल पर बालोपयोगी परिचयात्मक कहानी है।
मैंने विज्ञान और इतिहास जैसे रूखे विषयों को कहानी का रूप देकर बच्चों की समझ के अनुकूल बनाया है।
इन कहानियों के पात्र है नन्हें-नन्हें बच्चे, पशु पक्षी या कीट-पतंग जो अपनी भोली-भाली चेष्टाओं से सभी प्रकार के पाठकों के मन को अनायास वशीभूत कर लेते हैं।
आशा है छोटे-बड़े सभी इन कहानियों को पढ़कर आनान्द लेंगे, ज्ञान बढ़ायेंगे। और अपने जीवन में लाली लायेंगे।
केशवदत्त चिन्तामणि
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