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मनोरंजक कथाएँ >> राबिनहुड

राबिनहुड

श्रीकान्त व्यास

प्रकाशक : शिक्षा भारती प्रकाशित वर्ष : 2014
पृष्ठ :80
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 5022
आईएसबीएन :9788174830227

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इंग्लैड की एक प्रसिद्ध लोककथा राबिनहुड का सरल हिन्दी रूपान्तर....

Rabinhud A Hindi Book by Shri Kant Vyas

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

राबिनहुड

कई साल पहले की बात है इंग्लैण्ड में एक राजा राज करता था। उसका नाम हेनरी था। उसे शिकार का बड़ा शौक था। उस समय इंग्लैंड में राजा और दूसरे लोगों के लिए शिकार खेलने के बड़े-बड़े जंगल थे। इन जंगलों में राजा और उसके साथियों के अलावा और कोई शिकार नहीं खेल सकता था। अगर कोई बाहरी शिकारी गलती से वहां आ जाता था, तो उसे फ़ौरन कैद कर लिया जाता था,

अगर कोई किसी जानवर का शिकार कर लेता था तो उसे फ़ाँसी की सजा दे दी जाती थी।


नोटिंगहम शहर के पास एक जंगल पड़ता था, जिसका नाम शेरउड के जंगल था। इसी तरह बर्न्सडेल शहर के पास भी एक जंगल था। शेरउड के जंगल की देखभाल के लिए एक आदमी नियुक्त था, जिसका नाम फिटजुथ था।

उसके लड़के का नाम राबर्ट था। वह बचपन से ही अपने पिता के साथ जंगल में इधर-उधर घूमा करता था। इसलिए जंगल के पेड़-पौधों और जीव जन्तुओं को वह अच्छी तरह पहचानने लगा था। जब उसकी उम्र बड़ी हुई तो वह तीर कमान लेकर जंगल में घूमने लगा। थोड़े ही दिनों में वह बहुत अच्छा निशानेबाज़ हो गया।

राबर्ट के पिता उसे अक्सर डाकुओं और लुटेरों की कहानियाँ सुनाया करते थे। राबर्ट इन साहसपूर्ण कहानियों को सुनकर बहुत खुश होता था कुछ दिनों के बाद उसके मन में यह इच्छा उत्पन्न हुई कि वह भी क्यों न कुछ हिम्मत से भरे काम करे।


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