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मनोरंजक कथाएँ >> अद्भुत द्वीप

अद्भुत द्वीप

श्रीकान्त व्यास

प्रकाशक : शिक्षा भारती प्रकाशित वर्ष : 2011
पृष्ठ :80
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 5009
आईएसबीएन :9788174830197

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जे.आर.विस के प्रसिद्ध उपन्यास स्विस फेमिली रॉबिन्सन का सरल हिन्दी रूपान्तर...


इस घटना के काफी दिन बाद की बात है। बरसात बीत चुकी थी। हम लोग अपने कामों के अधूरे सिलसिले को फिर से शुरू करने की तैयारी कर रहे थे। एक दिन फ्रिट्‌ज और जैक ने जांच करने के विचार से तोपों पर दो गोले दागे। आगे जो कुछ हुआ उससे तो आश्चर्य की सीमा न रही! हुआ यह कि हमारी तोपों की आवाज के जवाब में काफी दूर से तीन आवाजें और सुनाई दीं। वे दोनों आश्चर्यचकित से दौड़े हुए मेरे पास आए और उस असाधारण घटना की सूचना मुझे दी। मुझे भी विश्वास नहीं हुआ। मैंने सोचा, हो सकता है, अपनी ही तोपों की आवाजों की गूंज हमें सुनाई दी हो! लेकिन उन्हें पूरा विश्वास था कि किसी ने हमारी तोपों के जवाब में तोपें दागी हैं।

घटना की जांच के लिए मैं भी उनके साथ तट पर गया और एक बार फिर तोप दागी गई। इस बार हमें दूर से तोपों की दो जवाबी आवाजें सुनाई दीं। अब संदेह की कोई गुंजाइश नहीं रह गई थी। हमें लगा कि हमारे आसपास ही समुद्र में कोई दूसरा जहाज भी लंगर डाले हुए है।

उस समय हम कितने उत्साहित थे, इसका वर्णन करना कठिन है। जेनी का अनुमान था कि हो सकता है उसका पिता उसकी खोज में निकला हो और उसे छूता हुआ इधर ही आ पहुंचा हो। मेरे बच्चे खुशी से पागल हो उठे। लेकिन मैंने हिदायत दी कि हमें जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। पहले अच्छी तरह पता लगा लेना चाहिए कि जहाज कहां से आया है और किसका है, तभी कोई कदम उठाना चाहिए।

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    अनुक्रम

  1. एक
  2. एक
  3. दो
  4. दो
  5. तीन
  6. तीन
  7. चार
  8. चार
  9. पाँच
  10. पाँच
  11. छह
  12. छह
  13. सात
  14. सात
  15. आठ
  16. आठ
  17. नौ
  18. नौ
  19. दस
  20. दस

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