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कहानी संग्रह >> लौट आई थी वह

लौट आई थी वह

आशा साकी

प्रकाशक : आत्माराम एण्ड सन्स प्रकाशित वर्ष : 2007
पृष्ठ :120
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 4937
आईएसबीएन :81-7043-689-3

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कहते हैं कि यदि धरती की कोख में दाने को बीज दिया जाए तो वह देर सबेर जमीन में जगह बनाकर अपने आप कोंपल के रूप में बाहर निकल आता है और फिर अनजाने ही उसके सींचने से वह एक पौधे के रूप में प्रकट हो जाता है और दिखाई देने लगता है।

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