विविध >> प्रतिभा प्रतिभाहरेकृष्ण महताब
|
3 पाठकों को प्रिय 54 पाठक हैं |
नेशनल बुक ट्रस्ट की सतत् शिक्षा पुस्तकमाला सीरीज़ के अन्तर्गत एक रोचक पुस्तक
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
सनातन की लड़की के साथ जमींदार रामहरि के लड़के का ब्याह जिस दिन तय हुआ, बस उसी दिन से सनातन के सिर पर बोझ बढ़ गया। हालांकि उन्होंने बड़ी खुशी से खुद ही दूसरों की मदद से इस रिश्ते को तय करवाया था। एक गरीब घर की लड़की बड़े घर में जायेगी। होने वाला दामाद कटक कॉलेज से बी.ए. पास कर वकालत की पढ़ाई कर रहा है। भाग्य से ही ऐसे रिश्ते बनते हैं - ये बातें सोचकर वे बहुत खुश थे। वे मन ही मन अन्दाजा लगा रहे थे कि अब तो उन्हें अपने समधी की जमींदारी में जरूर कोई अच्छी नौकरी मिल जायेगी, पर उन्हें एक चिन्ता खाये जा रही थी। बरातियों और स्वागत और बेटी के गहनों का खर्च उनक् सामने मुँह उठाये खड़ा था। इसके लिए लगभग दो सौ रुपये चाहिए, पर वे आयेगे कहाँ से? उन्होंने इस बारे में अपनी पत्नी से बात की।.....
|
लोगों की राय
No reviews for this book