लोगों की राय

विविध >> हमारे त्योहार

हमारे त्योहार

खालिद असरफ़

प्रकाशक : नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया प्रकाशित वर्ष : 2004
पृष्ठ :83
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 487
आईएसबीएन :81-237-2911-1

Like this Hindi book 10 पाठकों को प्रिय

101 पाठक हैं

हमारे देश पंद्रह अगस्त 1947 को अंग्रेजों की गुलामी से स्वतंत्र हुआ था। अंग्रेज भारतीयों पर तरह-तरह के अत्याचार करते थे। इसके अतिरिक्त भारत की दौलत का बड़ा भाग देश के बाहर चला जाता था,

Hamare Tyohar - A hindi Book by - khalid asraf हमारे त्योहार - खालिद असरफ़

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

स्वातंत्रता दिवस

हमारा देश 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों की गुलामी से स्वतंत्र हुआ था। अंग्रेज भारतीयों पर तरह-तरह के अत्याचार करते थे। इसके अतिरिक्त भारत की दौलत का बड़ा भाग देश के बाहर चला जाता था, या अंग्रेज अफसरों और फौजियों पर खर्च हो जाता था। गुलामी और अन्याय के कारण हमारी जनता गरीब हो गई थी। अच्छी शिक्षा न मिलने के कारण भारत में निरक्षरता आम थी।

स्वास्थ्य की मुनासिब देखभाल न होने के कारण पुरुषों, स्त्रियों और बच्चों की बड़ी संख्या कम आयु में मौत का शिकार हो जाती थी। जमींदारों के ज़ुल्मों और शासन के नाजायज करों से किसान परेशान रहते थे। अधिकतर किसान महाजनों से कर्ज लेने पर मजबूर होते थे, जो पैसे वापस न मिलने पर उनकी जमीनों पर कब्जा कर लेते थे।

इन परिस्थितियों के विरोध में आवाज उठाने के लिए गांधीजी के नेतृत्व में स्वतंत्रता आंदोलन की शुरूआत हुई जिसमें जवाहरलाल नेहरू, सुभाषचन्द्र बोस, बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपतराय, मौलाना आज़ाद, सरदार बल्लभभाई पटेल, खान अब्दुल ग़फ्फार खां, राजा महेन्द्र प्रताप, मौलाना अब्दुल्लाह सिंधी, एनी बेसेंट, गोपाल कृष्ण गोखले, सी.आर. दास, भगत सिंह, मौलाना हसरत मोहानी, उधम सिंह, सरोजनी नायडू, राम बिहारी बोस, मोहम्मद अली, अशफाकुल्लाह खां, डा. अंसारी और लाला हरदयाल इत्यादि ने भाग लिया और अपना चैन आराम त्याग कर भारत को आज़ाद कराया।

 

प्रथम पृष्ठ

लोगों की राय

No reviews for this book