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शेक्सपियर की कहानियां

शेक्सपियर

प्रकाशक : राजपाल एंड सन्स प्रकाशित वर्ष : 2013
पृष्ठ :136
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 4851
आईएसबीएन :9788170284338

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11 नाटकों पर आधारित कहानियाँ....

Shakespeare ki Kahaniyan - A Hindi Book by Shakespeare

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

विश्व साहित्य के गौरव, अंग्रेजी भाषा के अद्वितीय कवि-नाटककार विलियम शेक्सपियर को विश्व का ‘साहित्य सम्राट’ कहा जाता है। शेक्सपियर का जन्म इंग्लैंड में 1564 ई. में हुआ और 52 वर्षों के जीवन में उन्होंने 37 नाटक और अनेक कविताओं की रचना की। शेक्सपियर के नाटक दुनिया की प्रायः सभी भाषाओं में अनुवादित हो चुके हैं। उनके नाटक आज भी लोकप्रियता के शिखर पर हैं और विश्व का कोई भी रंगमंच ऐसा नहीं, जिसमें उनके नाटक न खेले जाएँ।

इस पुस्तक में शेक्सपियर के 11 नाटकों पर आधारित कहानियाँ प्रस्तुत हैं जिनमें दुखांत और सुखांत दोनों प्रकार के नाटक सम्मिलित हैं। सरल, रोचक और पठनीय भाषा में लिखी ये कहानियाँ अवश्य ही आपको शेक्सपियर के मूल नाटक पढ़ने के लिए प्रेरित करेंगी।

परिचय


विलियम शेक्सपियर विश्व के महानतम कवि-नाटककार हैं।
शेक्सपियर इंग्लैण्ड में स्ट्रेटफोर्ड-ऑन-इवान नामक स्थान पर सन् 1564 में उत्पन्न हुए और सन् 1616 में (अर्थात् कुल 52 वर्ष की आयु में) उनका स्वर्गवास हो गया। इस आयु में भी साहित्य-रचना पर उन्होंने लगभग केवल 20 वर्ष लगाए। किन्तु एक अल्प-रचना-काल में उन्होंने 37 नाटक और कविता की कई पुस्तकें लिखीं। पिछले 350 वर्षो में उनकी कीर्ति उत्तरोत्तर बढ़ती गई है। उनके ‘साहित्य-सम्राट्’ के पद को अब तक विश्व का कोई भी अन्य साहित्यकार चुनौती नहीं दे सका है। शेक्सपियर के नाटकों का संसार की सभी सभ्य भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। इन सभी भाषाओं में शेक्सपियर उतने ही लोकप्रिय और समादृत हैं जितने अंग्रेजी में।

शेक्सपियर के 37 नाटकों में से 11 नाटक चुनकर उनका कथासार प्रस्तुत पुस्तक में दिया जा रहा है। इनमें उनके अतिविख्यात दुःखान्त नाटकों की कथाएँ भी सम्मिलित हैं और सुखान्त नाटकों की कथाएँ भी। इन कथाओं के प्रकाश का उद्देश्य केवल यह है कि इनसे पाठकों के मन शेक्सपियर के मूल नाटकों के पढ़ने के लिए प्रेरित हों। प्रस्तुत पुस्तक में शेक्सपिर के भव्य साहित्य-भवन के लिए केवल प्रवेशद्वार है। वैसे हम आशा करते हैं कि ये कथाएँ अपने-आप में भी रोचक एवं हृदयग्राही सिद्ध होंगी।

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