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मनोरंजक कथाएँ >> अलादीन औऱ जादुई चिराग

अलादीन औऱ जादुई चिराग

ए.एच.डब्यू. सावन

प्रकाशक : मनोज पब्लिकेशन प्रकाशित वर्ष : 2007
पृष्ठ :16
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 4779
आईएसबीएन :81-310-0200-4

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अलादीन की रोचक एवं मनोरंजक कहानी का वर्णन


वह खुश होकर बोला-“आखिर तुमने मेरी बात मान ही ली, अच्छा किया। वरना आज मुझे तुम्हारे साथ जबरदस्ती करनी पड़ती, जिसका मुझे अफसोस होता। खैर, अब जब तुम मुझसे शादी करने को तैयार ही हो, तो मैं तुम्हें अपने दिल की मलिका बना ही लें।”
इतना कहकर जादूगर पलंग पर चढ़ गया। शहजादी फौरन छिटककर पलंग से उतरकर बोली-“अब तो मैं आपकी हो ही चुकी हूँ मेरे सरताज!
आपकी बांदी बन चुकी हूँ, इस खुशी में आप मुझे क्या इनाम देंगे?”
“जो तुम मांगोंगी, वही मिलेगा।” इतना कहकर जादूगर ने अपने हाथ से हीरे की अंगूठी उतारकर शहजादी को दे दी।
आज जादूगर बहुत खुश था। नशे में झूमता हुआ वह बोला- “आज तो बड़ा खुशी का दिन है, क्योंकि आज तुमने मेरा होना कबूल कर लिया है। आओ हम दोनों आज शराब के नशे में डूब जायें। आज मैं तुम्हारे कोमल और नाजुक हाथों से पीकर हमेशा के लिये नशे की दुनिया में खो जाना चाहता हूँ। क्या तुम मुझे अपने गोरे-गोरे हाथों से जाम बनाकर पिलाओगी?”
“क्यों नहीं मेरे मालिक! जरूर।” मनमोहक अदा के साथ शहजादी ने शराब की सुराही और गिलास उठाकर जाम तैयार किया और जादूगर को देते हुए नशीली आवाज में बोली-“मेरे सरताज को मेरे हाथों से पहला जाम।”
जादूगर ने बड़े प्यार से गिलास थामा और होठों से लगाकर एक ही सांस में खाली कर दिया। शहजादी की आंखों में उसके लिये नफरत थी, लेकिन वह अपनी नफरत को बड़ी सफाई से छिपा गई। अब वह दूसरा जाम तैयार करने लगी।
उसने दूसरे जाम में जादूगर की नजरें बचकर अलादीन की दी गई पुड़िया का जहर बड़ी सफाई से मिला दिया।
शहजादी की खूबसूरती का नशा जादूगर के सिर चढ़कर बोलने लगा। था। वह बोला-“तुम्हारी खूबसूरती में वह जादू है शहजादी, कि बड़े-बड़े फकीरों की भी नीयत डोल जाये। तुम तो पूरी दुनिया में सबसे खूबसूरत हो।”
शहजादी ने उसे दूसरा जाम पेश किया। मगर जादूगर ने उसे लेने से इंकार कर दिया और बोला-“बस, अब इस शराब के नकली नशे से दिल भर गया है, अब तो तुम्हारी नशीली आंखों की शराब पीना चाहता हूँ।” इतना कहकर जादूगर शहजादी को अपनी बांहों में भरकर बेतहाशा चूमने लगा।
अब शहजादी की नफरत में उबाल आ गया। उसका जी चाहा कि वह उस दुष्ट का मुंह नोच ले, लेकिन उसे तो नाटक करना था। बेबसी की हालत में वह जादूगर पर अपना प्यार का नाटक जाहिर करती रही।
“मेरे सरताज! बस मेरे हाथों से एक जाम और पी लीजिये। अगर आपने नहीं पिया तो मैं समझेंगी कि आप मुझे प्यार नहीं करते और मैं खुदकुशी कर लूंगी।"
शहजादी की बात पूरी होते ही जादूगर ने अपना प्यार दिखाया और उसने शहजादी के हाथों से जाम का गिलास लिया और होठों से लगाकर गटागट सारी शराब पी गया।

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