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मनोरंजक कथाएँ >> अलादीन औऱ जादुई चिराग

अलादीन औऱ जादुई चिराग

ए.एच.डब्यू. सावन

प्रकाशक : मनोज पब्लिकेशन प्रकाशित वर्ष : 2007
पृष्ठ :16
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 4779
आईएसबीएन :81-310-0200-4

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अलादीन की रोचक एवं मनोरंजक कहानी का वर्णन


शहजादी नूरमहल तक तो उसकी आवाज न पहुँच सकी, लेकिन महल की एक नौकरानी ने उसकी आवाज सुन ली। वह फौरन शहजादी के पास पहुंची और कहने लगी-“शहजादी आप कहा करती थीं न कि दुनिया में सभी अक्लमंद हैं। लेकिन मैं कहती हूँ कि दुनिया में मूर्खा की भी कमी नहीं है।”
“वह कैसे?” शहजादी ने पूछा।
“बाहर एक मूर्ख फेरीवाला चिल्ला रहा है कि पुराने चिराग के बदले में एकदम नया चिराग ले लो। अब आप ही बताइये कि वह फेरीवाला बेवकूफ है या नहीं? अगर आपको मेरी बात पर यकीन न हो तो एक बार चलकर उसकी आवाज को ध्यान से सुनें।”
उसी वक्त बाहर से जादूगर की आवाज आयी-“पुराना चिराग दो, नया चिराग लो।”
शहजादी आश्चर्यचकित रह गयी। वह बोली-“कह तो यही रहा है। एक काम करते हैं, इस फेरीवाले का इम्तिहान लेते हैं।”
“इम्तिहान! वह कैसे?” नौकरानी ने पूछा।
“उस अलमारी में एक पुराना चिराग रखा है।” शहजादी बोली-“तु उसे ले जा और बदले में नया चिराग ले आ।”
नौकरानी ने खुशी-खुशी फौरन अलमारी से चिराग निकाला और फेरीवाले के पास पहुँच गयी। फेरीवाला बना जादूगर तो इसी चिराग के इन्तजार में था। नौकरानी के हाथ में उस चिराग को देखकर उसकी आंखें चमकने लगीं। इस चिराग को वह लाखों चिरागों में पहचान सकता था। उसने फौरन नौकरानी के हाथ से जादुई चिराग लेकर बदले में उसे नया चिराग दे दिया।
नौकरानी चिराग लेकर खुशी से झूमती हुई शहजादी के पास पहुंची और बोली-“ये देखिये शहजादी, उस मूर्ख फेरीवाले ने पुराने चिराग के बदले मुझे नया चिराग दे दिया हैं।”
शहजादी नये चिराग को देखकर बहुत खुश हुई और फेरीवाले की मूर्खता पर हँसने लगी। इसके बाद शहजादी ने वंह नया चिराग अलमारी में उसी जगह पर रख दिया, जहाँ अलादीन ने जादुई चिराग रख रखा था।

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