मनोरंजक कथाएँ >> अलादीन औऱ जादुई चिराग अलादीन औऱ जादुई चिरागए.एच.डब्यू. सावन
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अलादीन की रोचक एवं मनोरंजक कहानी का वर्णन
अलादीन अपने कमरे में बिस्तर पर पड़ा था। वह एक नींद ले चुका था और अभी तक सो ही रहा था। सोते-सोते अचानक उसे तेज प्यास महसूस हुई। उसकी नींद उचट गई तथा वह अपने बिस्तर पर बैठा। उसने पानी पीने के लिये इधर-उधर नजरें दौड़ाईं। सिरहाने रखा दूध का गिलास उसे नजर आया। उसने दूध का गिलास उठाकर गटागट-गटागट एक ही सांस में खत्म कर दिया। दूध पीते ही उसमें मिली बेहोशी की दवा ने तुरन्त अपना असर दिखाया। अलादीन को चक्कर-सा आया और वह फिर से बिस्तर पर लेट गया। धीरे-धीरे वह बेहोशी के सागर में गोते लगाने लगा। रईसा चोरी से छिपकर यह सब देख रही थी।
उसने अलादीन को दूध पीकर लेटते देखा तो बहुत खुश हुई। यह उसकी अच्छी किस्मत थी कि शहजादी अपने बेटे अशरफ के साथ नृत्य देखने में मसरूफ थी, वरना शायद उसका काम इतनी आसानी से नहीं हो पाता। जब उसे पक्का यकीन हो गया कि बेहोशी की दवा अलादीन पर अपना असर पूरी तरह दिखा चुकी है, तो वह कमरे में दाखिल हुई। इस वक्त उसका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। घबराहट से उसके माथे पर पसीने की बूंदें साफ नजर आ रही थीं।
उसने बिना किसी आवाज के दरवाजा पार किया और कमरे में दाखिल हो गई। कंपकंपाती टांगों से वह अलादीन के सिरहाने पहुंची। उसकी सिट्टी-पिट्टी एकदम गुम हो रही थी। सांसों की रफ्तार में काफी इजाफा था, दिल धाड़-धाड़ करता हुआ हलक में आने को एकदम तैयार था। जिस्म के मसामों से पसीना इस कदर बह रहा था, मानो अभी नहाकर आई हो।
उसको यह डर लग रहा था कि अगर अलादीन बेहोश न हुआ होगा तो उसकी मुसीबत आ जायेगी। उस पर घबराहटें हावी होने लगी थी।
तभी उसके दिमाग में आया कि अल्लाह न कैरे अगर कोई किसी काम से इस ओर आ निकला तब क्या होगा? उसकी चोरी पकड़ी जायेगी, फिर तो अलादीन उसकी गर्दन धड़ से अलग कर देगा। यही सोचकर उस पर और भी घबराहट हावी हो रही थी। उसकी टांगें बुरी तरह कांपने लगी थीं। उसका जी चाहा कि तुरन्त यहाँ से भाग निकले। तभी रहमान के अल्फाज उसके के कानों में गूंजने लगे-“उसके बाद मैं बगदाद का बादशाह कहलाऊंगा और तुम मेरी बेगम।”
ये अल्फाज हथौड़े की तरह रईसा के दिमाग में चोट-पर-चोट किये जा रहे थे। इस सोच ने उसके जिस्म में एक नया जोश भर दिया। उसका डर दूर होता चला गया।
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