हास्य-व्यंग्य >> काका की फुलझड़ियाँ काका की फुलझड़ियाँकाका हाथरसी
|
39 पाठक हैं |
इस पुस्तक में संगृहित काका जी की हास्य-कविताएँ, कविसम्मेलनों और काव्य-गोष्ठियों में हजारों, लाखों श्रोताओं को गुदगुदा चुकी हैं। सन् 1965 में पहली बार प्रकाशित इस संकलन की तीन लाख प्रतियाँ अब तक बिक चुकी हैं। आइए, हिंदी के इस महान कवि के कृतित्व का आनन्द उठाएँ।
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book