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झकास एस.एम.एस.

बिल्लू बादशाह

प्रकाशक : फ्यूजन बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2005
पृष्ठ :94
मुखपृष्ठ :
पुस्तक क्रमांक : 4710
आईएसबीएन :81-8419-033-6

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बिल्लू बादशाह के द्वारा लिखे गये झकास और चटपटे एस.एम.एस.....

Jhakas SMS A Hindi Book by Billu Badshaha

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

बिल्लू बादशाह’’

इतिहास में उसे ही अच्छा बादशाह कहा गया है- जिसने लुटाया है, बांटा है।
लतीफे, चुटकुले, जोक्स, एस.एम.एस. पर किसी एक का अधिकार नहीं है, शुद्ध मनोरंजन है, ‘खुशियों का खजाना है। इसे बिल्लू बादशाह को भी अपने दोस्तों के बीच खुले दिल से लुटाना है। पढ़कर एस.एम.एस. बिल्लू के दूर करें अवसाद। जब जब आए हंसी, करना बिल्लू को याद।



डाली से पत्ते यूं ही गिरा नहीं करते,
बिछड़ के लोग ज्यादा जियां नहीं करते।
कुछ नए एसएमएस हो तो भेजिए,
हम बार-बार पुराने पढ़ा नहीं करते....!



एक सरदार पूरी जिंदगी सोचता रहा,
सोचता रहा और सोचते-सोचते मर गया
कि अगर मेरी बहन के दो भाई, तो मेरा एक कैसे ?



हम भी सुंदर फूल हैं...
तुम भी सुंगर फूल हो....
बस एक छोटा सा फर्क है...
हम हिन्दी के फूल हैं......
और तुम अंग्रेजी के फूल हो।


सरदारनी सरदार से बोली आप हजारों में एक हो।
सरदार सरदारिनी को थप्पड़ मारता है
और कहता है कमीनी बाकी 999 कौन है ??



संता : मैं घर जाते ही बीवी की पेंटी उतार दूंगा।
बंता : ओए, तू तो बहुत मूड में है।
संता नहीं यार मुझे टाइट हो रही है।
प्रश्न- ‘‘शिवजी और पार्वती जी कभी कम्प्यूटर क्यों नहीं सिख पाए ?
सोचो....सोचो !
उत्तर- क्योंकि गणेशजी माउस ले कर भाग गए थे।

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