चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट >> भारत की लोक कथाएं भारत की लोक कथाएंभावना पंकज
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भारत की लोक कथाएं पुरस्कृत पुस्तक इंडियन फोक टेल्स का हिन्दी अनुवाद है।
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
शामलाल नाई बेहद संत स्वभाव और धार्मिक वृत्ति का व्यक्ति था। पेशे से वह नाई था। सामाजिक व्यवस्था में तब छोटी जाति के माने जाते थे। शामलाल मानता था कि नीची जाति में जन्म होना, लोगों के पूर्व जन्म के किये गये दुष्कर्मों का फल है। और यह भी कि जैसे पारसमणि के छूते ही लोहा भी सोना हो जाता है वैसे ही ईश्वर की आराधना सांसारिक कष्ट से मुक्ति पाने का एकमात्र साधन है और यही बात थी कि शामलाल अपना अधिकाधिक समय पूजा-अर्चना में ही बिताता था।
बहुत वर्ष पहले एक छोटे से गाँव में एक गरीब, मगर भला ब्राह्मण रहता था। वह देवी का परम भक्त था और नित्य ही दुर्गा का नाम एक सौ आठ बार लिखे बिना अन्न-जल कुछ भी ग्रहण नहीं करता था। सम्पन्न परिवारों में शादी-ब्याह या फिर अन्तिम संस्कार करवाना ही उसकी जीविका का एकमात्र साधन था। परन्तु रोज तो गाँव में ऐसे होता नहीं था।
दरिद्र ब्राह्मण
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