बाल एवं युवा साहित्य >> हितोपदेश की कहानियाँ (सजिल्द) हितोपदेश की कहानियाँ (सजिल्द)संदीप गुप्ता
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चन्दामामा का गुस्सा, चतुर कौआ, मूर्ख कुम्हार, धन की शक्ति, तथा अन्य मनोरंजक कहानियाँ
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
काफी समय पहले मध्य प्रदेश में वर्षा न होने से अकाल पड़ गया। नदी-तालाबों का जल सूख जाने के कारण प्राणी त्रस्त हो उठे। पानी के अभाव में अनेक प्राणी मौत के मुँह में समा गये। उसी देश के एक वन में हाथियों का एक विशाल झुण्ड रहता था। वर्षा न होने से वे भी प्यासे मरने लगे। जब स्थिति काफी बिगड़ गई तो हाथियों ने अपने मुखिया से कहा, "सरदार!" अब स्थिति अधिक भयंकर हो गई है। हमारे बच्चे बिना पानी के तड़प-तड़प कर मरने लगे हैं। हम लोगों की भी ऐसी ही दशा हो रही है। कृपया जल प्राप्ति का कोई उपाय शीघ्रतिशीघ्र कीजिए।....चन्दामामा का गुस्सा
नन्दन वन में वृक्ष पर चिड़ियों का एक जोड़ा सुखपूर्वक रहता था। समय बीतने के साथ चिड़ियों ने अण्डे दिये। चिड़ियाँ दिन भर अण्डों पर बैठकर उन्हें सेती थी और चिड़ा भोजन जुटाता था। एक दिन दोपहर के समय एक मदमस्त हाथी धूप से बचने के लिए उन पेड़ की छाँव में आकर खड़ा हो गया। हाथी ने अपने सहज चंचल स्वभाव के कारण वृक्ष के उस शाक को ही तोड़ डाला जिस पर चिड़िया का घोंसला बना था।..... चिड़िया का प्रतिशोध
नन्दन वन में वृक्ष पर चिड़ियों का एक जोड़ा सुखपूर्वक रहता था। समय बीतने के साथ चिड़ियों ने अण्डे दिये। चिड़ियाँ दिन भर अण्डों पर बैठकर उन्हें सेती थी और चिड़ा भोजन जुटाता था। एक दिन दोपहर के समय एक मदमस्त हाथी धूप से बचने के लिए उन पेड़ की छाँव में आकर खड़ा हो गया। हाथी ने अपने सहज चंचल स्वभाव के कारण वृक्ष के उस शाक को ही तोड़ डाला जिस पर चिड़िया का घोंसला बना था।..... चिड़िया का प्रतिशोध
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