मनोरंजक कथाएँ >> सच्चा सुख सच्चा सुखशेख सदी
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इसमें 6 बाल कहानियों का रोचक वर्णन किया गया है।
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
सच्चा सुख
एक फकीर अरब यात्रा करना चाहता था। एक धनी ने उसे यात्रा के लिए कुछ धन दे
दिया।
जिस दिन काफिला चला, वह फकीर भी साथ ही हो लिया।
रास्ते में डाकू मिल गए, और लोगों का बहुत-सा धन लूट ले गये।
सारे क़ाफ़िले में कोहराम मच गया। डाकू जितना धन लूट ले गये थे, वे दहाड़ मारकर रो रहे थे। पर वह फकीर मुसकरा रहा था।
किसी ने हैरान हो कहा- ‘‘आप किस पर हँस रहे हैं ? डाकू आपका भी तो धन छीन ले गये हैं न ?’’
‘‘ले गये हैं क्या हुआ ? वह धन ने अपने-आप ही दिया था-मैंने माँगा तो न था। और अब मुझसे ले गया है-बस, इतनी-सी बात है न ? तो इसमें क्या हर्ज है ?......मेरे काम न आया तो न सही। अब उसके काम आ जायेगा।’’
सच मुच अगर आदमी को किसी चीज से मोह न हो तो उसकी जुदाई का दु:ख उसे नहीं सता सकता। उसे सच्चा सुख मिलता है।
एक चुप्पी सौ सुख
एक आदमी मित्र देश में रहता था। वह स्वभाव का बहुत सीधा था। वह काफी समय तक चुप्पी साधे रहे। इस पर लोग उसे घेरे रहते।
जिस दिन काफिला चला, वह फकीर भी साथ ही हो लिया।
रास्ते में डाकू मिल गए, और लोगों का बहुत-सा धन लूट ले गये।
सारे क़ाफ़िले में कोहराम मच गया। डाकू जितना धन लूट ले गये थे, वे दहाड़ मारकर रो रहे थे। पर वह फकीर मुसकरा रहा था।
किसी ने हैरान हो कहा- ‘‘आप किस पर हँस रहे हैं ? डाकू आपका भी तो धन छीन ले गये हैं न ?’’
‘‘ले गये हैं क्या हुआ ? वह धन ने अपने-आप ही दिया था-मैंने माँगा तो न था। और अब मुझसे ले गया है-बस, इतनी-सी बात है न ? तो इसमें क्या हर्ज है ?......मेरे काम न आया तो न सही। अब उसके काम आ जायेगा।’’
सच मुच अगर आदमी को किसी चीज से मोह न हो तो उसकी जुदाई का दु:ख उसे नहीं सता सकता। उसे सच्चा सुख मिलता है।
एक चुप्पी सौ सुख
एक आदमी मित्र देश में रहता था। वह स्वभाव का बहुत सीधा था। वह काफी समय तक चुप्पी साधे रहे। इस पर लोग उसे घेरे रहते।
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