मनोरंजक कथाएँ >> सोनचिरैया के देश सोनचिरैया के देशदिनेश चमोला
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सोनचिरैया की रोचक कहानी....
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
सोनचिरैया के देश
एक थी राजकुमारी हेमप्रभा। उसके जन्म पर देवगढ़ के राजमहल में खुशियों की
दीवाली मनाई गयी थी। देवगढ के राजघराने में पूरी पाँच पीढ़ियों के बाद
राजकन्य़ा का जन्म हुआ था। महाराज चित्रवीर व महारानी सुनंदा का कोई ठिकाना
नहीं था।
राज ज्योतिषियों ने भविष्यवाणी करते हुए बताया था कि हेमप्रभा एक दिन महान राजकुमारी सिद्ध होगी। राजमहल के बड़े बुजुर्गों का मानना था कि स्वयं देवगढ की कुलभवानी ही राजकुमारी हेमप्रभा के रूप में अवतरित हुई है। राजकुमारी हेमप्रभा थी भी इतनी अनोखी। उसे रंग-बिरंगे फूलों व छोटे-बड़े पशु-पक्षियों से बहुत प्रेम था। वह जहाँ भी जाती रंग-बिरंगे फूलों व छोड़े-बड़े पशु-पक्षियों की कतारें स्वागत के लिए लग जातीं। देवगढ के उत्तर में एक पठार था जो न जाने कब से उजाड़ था।
एक दिन नन्हीं राजकुमारी ने उत्तर के उजाड़ पठार में घुड़सवारी करने की इच्छा प्रकट की। महाराज ने घुड़सवारी के लिए विशेष सैनिक की व्यवस्था की हुई थी। राजसैनिकों सहित राजकुमारी हेमप्रभा उस उजा़ड़ पठार में पहुँची। राजकुमारी के वहाँ पहुँचते ही पठार खिल उठा। धरती माँ को प्रणाम कर राजकुमारी अपनी सुवर्णा नामक घोडी़ पर सवार हुई। घोडी़ हवा से बातें करने लगी। राजसैनिको के आश्चर्य का कोई ठिकाना न रहा,
राज ज्योतिषियों ने भविष्यवाणी करते हुए बताया था कि हेमप्रभा एक दिन महान राजकुमारी सिद्ध होगी। राजमहल के बड़े बुजुर्गों का मानना था कि स्वयं देवगढ की कुलभवानी ही राजकुमारी हेमप्रभा के रूप में अवतरित हुई है। राजकुमारी हेमप्रभा थी भी इतनी अनोखी। उसे रंग-बिरंगे फूलों व छोटे-बड़े पशु-पक्षियों से बहुत प्रेम था। वह जहाँ भी जाती रंग-बिरंगे फूलों व छोड़े-बड़े पशु-पक्षियों की कतारें स्वागत के लिए लग जातीं। देवगढ के उत्तर में एक पठार था जो न जाने कब से उजाड़ था।
एक दिन नन्हीं राजकुमारी ने उत्तर के उजाड़ पठार में घुड़सवारी करने की इच्छा प्रकट की। महाराज ने घुड़सवारी के लिए विशेष सैनिक की व्यवस्था की हुई थी। राजसैनिकों सहित राजकुमारी हेमप्रभा उस उजा़ड़ पठार में पहुँची। राजकुमारी के वहाँ पहुँचते ही पठार खिल उठा। धरती माँ को प्रणाम कर राजकुमारी अपनी सुवर्णा नामक घोडी़ पर सवार हुई। घोडी़ हवा से बातें करने लगी। राजसैनिको के आश्चर्य का कोई ठिकाना न रहा,
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