आचार्य श्रीराम शर्मा >> गायत्री का वैज्ञानिक आधार गायत्री का वैज्ञानिक आधारश्रीराम शर्मा आचार्य
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गायत्री का वैज्ञानिक आधार....
भौतिक विज्ञान की भाँति ही अध्यात्म विज्ञान है। भौतिक विज्ञानियों ने अपने अविष्कारों से मनुष्य की सुविधाएँ बढ़ाने का प्रयत्न किया है। प्राचीन काल में सूक्ष्म दैवी शक्तियों का अन्वेषण करके उनके उपयोग की पद्धति का आविष्कार किया था। इसी का दूसरा नाम योगसाधना है। योग साधना से ही गृही, विरक्त, बाल, वृद्ध, स्त्री, पुरुष सभी आनन्दमय जीवन का लाभ उठा सकते हैं।
योग की अनेक साधनाओं में से गायत्री साधना ऐसी है जो सर्व साधारण के लिए अतीव उपयोगी, हानि रहित, सुलभ, सुख-साध्य और शीघ्र फल देने वाली है। इसकी तुलना में और कोई साधना योग शास्त्रों के अन्तर्गत दृष्टिगोचर नहीं होती।
गायत्री से जो लाभ होते हैं उनका कारण, हेतु, आधार क्या है ? यह जानने की इच्छा होना इस बुद्धिवादी युग में स्वाभाविक है। इस पुस्तक में उन्हीं रहस्यों पर प्रकाश डाला गया है जिनसे पाठकों की गायत्री के मूल आधार सम्बन्धी शंकाओं और जिज्ञासाओं का समाधान हो सके। आशा है कि आध्यात्म मार्ग के पथिकों को इस पुस्तक से कुछ नई जानकारी मिलेगी।
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