आचार्य श्रीराम शर्मा >> महिला जागृति अभियान महिला जागृति अभियानश्रीराम शर्मा आचार्य
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महिला जागृति अभियान...
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
महिला शक्ति ने पिछले दिनों अनेकानेक त्रास देखे हैं। सामंतवादी अंधकार युग से उपजे अनर्थ ने सबकुछ उलट-पलट दिया है। उसे अबला समझा गया और कामिनी, रमणी. भोग्या व दासी जैसी स्थिति में रहने को विवश होना पड़ा। जो भाव पूज्य रहान चाहिए था, वही कुदृष्टि के रूप में बदल गया, किंतु अब परिवर्तन का तूफानी प्रवाह इस आधी जनशक्ति को उबारने हेतु गति पकड़ चुका है। पश्चिम के नारी मुक्त आंदोलन (विमन लिब) से अलग यह महिला शक्ति के जागरण की प्रक्रिया देवी चेतना द्वारा संचालित है, पर बुद्धि के आकांक्षा के अनुरूप ही चल रही है। महापरिवर्तन की वेला में जब सतयुग की वापसी की चर्चा हो रही है, तो गायत्री परिवार ही नहीं सारे विश्व में इस आधी जनशक्ति के उठ खड़े होने एवं विश्वरंगमंच के हर दृश्य पटल पर अपनी महती भूमिका निभाते देखा जा सकगा। शिक्षा एवं स्वावलंबन रूपी विवध का कार्यक्रम के माध्यम से महिला जागरण की उसके पौरोहित्य से लेकर युगनेतृत्व सँभालने तक की, जो संभावनाएँ व्यक्त की जा रही हैं, मिथ्या नहीं हैं।
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