समाजवादी >> पटाक्षेप पटाक्षेपलिली रे
|
2 पाठकों को प्रिय 65 पाठक हैं |
साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित मैथिली भाषा की प्रतिष्ठित कथाकार लिली रे का महत्त्वपूर्ण उपन्यास है ‘पटाक्षेप’।
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित मैथिली भाषा की प्रतिष्ठित कथाकार लिली रे का महत्त्वपूर्ण उपन्यास है ‘पटाक्षेप’।
‘पटाक्षेप’ नक्सलवादी आन्दोलन की पृष्ठभूमि पर आधारित एक सशक्त उपन्यास है। वास्तव में उत्साह और उमंग से शुरु हुए नक्सलवादी आन्दोलन का उद्देश्य युवा छात्रों और किसान-मजदूरों को शोषण के खिलाफ संघर्ष करने के लिए प्रेरित करना था, लेकिन दुर्भाग्य से वह इतिहास का महज़ एक खौफ़नाक और ख़ूँखार अध्याय बनकर रह गया। इसी पृष्ठभूमि पर केन्द्रित इसकी कथावस्तु युवाओं की आशाओं औक आकांक्षाओं के साथ आरम्भ होकर उनके जटिल अनुभवों से गुजरती हुई विघटन और संत्रास तथा उनकी भीतरी-बीहरी रोमांचक स्थितियों के मार्मिक चित्र दर्शाती है।
‘पटाक्षेप’ में नक्सलवादी आन्दोलन के स्वरूप और उसकी जटिलता को ध्यान में रखते हुए लिली रे ने मानवीय मूल्यों की गरिमा को गहराई से रेखांकित किया है। कहना न होगा कि यह उपन्यास ऐतिहासिक होने का दावा तो नहीं करता, लेकिन इतिहास के सत्य का एक अलग दृष्टिकोण से सृजनात्मक मूल्यांकन करने का प्रयास अवश्य करता है।
‘पटाक्षेप’ नक्सलवादी आन्दोलन की पृष्ठभूमि पर आधारित एक सशक्त उपन्यास है। वास्तव में उत्साह और उमंग से शुरु हुए नक्सलवादी आन्दोलन का उद्देश्य युवा छात्रों और किसान-मजदूरों को शोषण के खिलाफ संघर्ष करने के लिए प्रेरित करना था, लेकिन दुर्भाग्य से वह इतिहास का महज़ एक खौफ़नाक और ख़ूँखार अध्याय बनकर रह गया। इसी पृष्ठभूमि पर केन्द्रित इसकी कथावस्तु युवाओं की आशाओं औक आकांक्षाओं के साथ आरम्भ होकर उनके जटिल अनुभवों से गुजरती हुई विघटन और संत्रास तथा उनकी भीतरी-बीहरी रोमांचक स्थितियों के मार्मिक चित्र दर्शाती है।
‘पटाक्षेप’ में नक्सलवादी आन्दोलन के स्वरूप और उसकी जटिलता को ध्यान में रखते हुए लिली रे ने मानवीय मूल्यों की गरिमा को गहराई से रेखांकित किया है। कहना न होगा कि यह उपन्यास ऐतिहासिक होने का दावा तो नहीं करता, लेकिन इतिहास के सत्य का एक अलग दृष्टिकोण से सृजनात्मक मूल्यांकन करने का प्रयास अवश्य करता है।
|
लोगों की राय
No reviews for this book