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महान व्यक्तित्व >> गुरु नानकदेव

गुरु नानकदेव

संजय गोयल

प्रकाशक : चिल्ड्रन बुक टेंपल प्रकाशित वर्ष : 2006
पृष्ठ :24
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 3909
आईएसबीएन :81-89573-07-1

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इस पुस्तक में संत शिरोमणि गुरु नानकदेव सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के प्रथम गुरु का जीवन परिचय दिया गया है......

Guru Nanakdev-A Hindi Book by Sanjay Goyal

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

गुरु नानक देव

संत शिरोमणि गुरु नानक देव सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के प्रथम गुरु थे। लगभग छियालीस वर्षों तक एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूम-घूमकर उन्होंने अपने उपदेशों और संदेशों से लोगों का प्रेम और विश्वास पाया। उनके विचार तथा ज्ञान इतने व्यापक थे कि सभी धर्मों और वर्गों के लोग उनका सम्मान करते थे।

गुरु नानक का जन्म 15 अप्रैल, 1469 को लाहौर के निकट तलवंडी नामक गाँव में हुआ था। यह स्थान अब पाकिस्तान में है और ‘ननकाना साहब’ के नाम से जाना जाता है। नानकजी के पिता का नाम कालू मेहता और माँ का नाम तृप्ता देवी था। माँ अत्यंत धार्मिक विचारों की महिला थीं। उनके मन में गरीब और असहाय लोगों के लिए बड़ी सहानुभूति थी। नानकजी की एक बड़ी बहन भी थीं, जिनका नाम नानकी था।

बालक नानक के लालन-पालन और शिक्षा-दीक्षा का विशेष ध्यान दिया गया। पं. गोपालदास से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद नानक जी ने पं. बृजनाथ शास्त्रों से संस्कृत तथा प्राचीन शास्त्रों की शिक्षा ग्रहण की। उसके बाद मौलवी कुतुबुद्दीन ने उन्हें फारसी-अरबी और मौलवी हुसैन ने इस्लाम धर्म के सिद्धान्तों की शिक्षा दी। बचपन से ही नानकजी विलक्षण प्रतिभा के धनी तथा अत्यंत जिज्ञासु प्रवृत्ति के थे। मौलवी या पंडित द्वारा दी जानेवाली शिक्षा को बड़ी जल्दी ग्रहण कर लिया करते थे। वे किसी भी बात को पूरी तरह समझे बिना उसे स्वीकार नहीं करते थे।

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