कहानी संग्रह >> तलहटी तलहटीशशिप्रभा शास्त्री
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‘तलहटी’ में शशिप्रभा जी की नौ लम्बी कहानियाँ संग्रहीत हैं।
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
अपने समय और परिवेश का प्रभाव हर समर्थ कथाकार की रचना पर होता है। कहानी की प्रासंगिकता के लिए शायद यह जरूरी भी है। दरअसल कहानियों में अनुभव और अभिव्यक्ति की परिधि जितनी बड़ी और खरी होती है, वह समाज को एक संवेदनात्मक समृद्धि से निरन्तर अभिभूत करती है। प्रतिष्ठित कथाकार शशिप्रभा शास्त्री की कहानियाँ इस दृष्टि से निःसन्देह आश्वस्त करती हैं - विशेष रूप से इन संग्रह की कहानियाँ।
‘तलहटी’ में शशिप्रभा जी की नौ लम्बी कहानियाँ संग्रहीत हैं। ये कहानियाँ व्यक्ति के अन्तर्द्वन्द्व और उसकी सपाट वीरानगी के साथ ही जीवन की विभीषिकाओं को विविध रूपों में उजागर करते हुए, उन सामाजिक सरोकारों ओर मूल्यों को भी सामने रखती हैं जो मनुष्य को बचाये और बनाये रखने के लिए बेदह जरूरी है। समकालीन हिन्दी-कहानी के परिदृश्य में शशिप्रभा जी की ये कहानियाँ अपनी सुगठित रचावट, बुनावट और कलात्मक सृजनात्मकता के कारण भी विशिष्ट और महत्वपूर्ण है।
‘तलहटी’ में शशिप्रभा जी की नौ लम्बी कहानियाँ संग्रहीत हैं। ये कहानियाँ व्यक्ति के अन्तर्द्वन्द्व और उसकी सपाट वीरानगी के साथ ही जीवन की विभीषिकाओं को विविध रूपों में उजागर करते हुए, उन सामाजिक सरोकारों ओर मूल्यों को भी सामने रखती हैं जो मनुष्य को बचाये और बनाये रखने के लिए बेदह जरूरी है। समकालीन हिन्दी-कहानी के परिदृश्य में शशिप्रभा जी की ये कहानियाँ अपनी सुगठित रचावट, बुनावट और कलात्मक सृजनात्मकता के कारण भी विशिष्ट और महत्वपूर्ण है।
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