महान व्यक्तित्व >> फील्ड मार्शल मानेकशॉ फील्ड मार्शल मानेकशॉमनीष कुमार
|
8 पाठकों को प्रिय 353 पाठक हैं |
इस पुस्तक में फील्ड मार्शल मानेकशॉ के जीवन पर सचित्र प्रकाश डाला गया है....
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
फील्ड मार्शल मानेकशॉ
फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ का पूरा नाम सैम होर्मुशजी फ्रेमजी जमशेदजी
मानेकशॉ है। उनका जन्म 3 अप्रैल, 1914 को अमृतसर में हुआ। उनका
परिवार पारसी है। उनके पिता डॉ. एच. एफ. मानेकशॉ एक चिकित्सक थे। वह
रोजगार की तलाश में बंबई से लाहौर जा रहे थे, किंतु अचानक विचार
बदल
जाने के कारण उन्हें पंजाब के अमृतसर में ही रेल से उतरना पड़ा। फिर वह
पंजाब में ही बस गए। उनकी पत्नी ने चार बेटों और दो बेटियों को जन्म दिया।
सैम उनकी पाँचवीं संतान थे।
सैम ने प्रारंभिक स्कूली शिक्षा अमृतसर में ही पाई। बाद में वह नैनीताल के शेरवुड कॉलेज में दाखिल हो गए। स्कूली शिक्षा के बाद वह उच्च अध्ययन के लिए इंग्लैण्ड जाना चाहते थे, किंतु उनके पिता ने उन्हें बहुत छोटा जानकर विदेश नहीं भेजा। उन्होंने अमृतसर के हिंदू सभा कॉलेज में उनका दाखिला करवा दिया।
उन दिनों ब्रिटिश इंडियन आर्मी में भारतीयों को कमीशन रैंक में भरती के लिए देहरादून में इंडियन मिलिटरी एकेडमी की स्थापना की गई थी। सैम ने भी एकेडमी के पहले बैच में प्रवेश के लिए आवेदन कर दिया और सफल हुए। एकेडमी के पहले बैंच में कुल 40 कैडेट थे, जिन्हें 1 अक्टूबर, 1932 को प्रवेश मिला तथा 10 अक्टूबर को उनका प्रशिक्षण शुरू हो गया।
सैम ने प्रारंभिक स्कूली शिक्षा अमृतसर में ही पाई। बाद में वह नैनीताल के शेरवुड कॉलेज में दाखिल हो गए। स्कूली शिक्षा के बाद वह उच्च अध्ययन के लिए इंग्लैण्ड जाना चाहते थे, किंतु उनके पिता ने उन्हें बहुत छोटा जानकर विदेश नहीं भेजा। उन्होंने अमृतसर के हिंदू सभा कॉलेज में उनका दाखिला करवा दिया।
उन दिनों ब्रिटिश इंडियन आर्मी में भारतीयों को कमीशन रैंक में भरती के लिए देहरादून में इंडियन मिलिटरी एकेडमी की स्थापना की गई थी। सैम ने भी एकेडमी के पहले बैच में प्रवेश के लिए आवेदन कर दिया और सफल हुए। एकेडमी के पहले बैंच में कुल 40 कैडेट थे, जिन्हें 1 अक्टूबर, 1932 को प्रवेश मिला तथा 10 अक्टूबर को उनका प्रशिक्षण शुरू हो गया।
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book