महान व्यक्तित्व >> गोस्वामी तुलसीदास गोस्वामी तुलसीदासमीना मनीषिका
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गोस्वामी तुलसीदास के जीवन पर आधारित पुस्तक...
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
गोस्वामी तुलसीदास
एक बार कृष्ण भक्त सूरदास से पूछा गया कि किसकी कविता श्रेष्ठ है। सूर ने
कहा कि मेरी। फिर प्रश्नकर्ता ने पूछा कि तुलसी की कविता कैसी है ? सूर का
उत्तर था-तुलसी की कविता कहाँ है ? वह तो मंत्र हैं, सिद्ध मंत्र।
वास्तव में तुलसीदास महाकवि और सिद्ध संत थे। वेद, पुराण आदि को उन्होंने गंभीर अध्ययन किया था। उनका स्वभाव लोक कल्याणकारी था। उनमें महान् कवि के समस्त गुण विद्यमान थे।
तुलसी को मानवतावादी कवि भी माना जाता है। अपनी रचनाओं के द्वारा उन्होंने मानवता के विकसित रूप को जनसामान्य के समक्ष प्रस्तुत करने का सफल प्रयास किया गया है। इसीलिए डॉ. ग्रियर्सन ने उन्हें एशिया का सर्वोत्कृष्ट कवि कहा है।
तुलसीदास के पिता का नाम आत्माराम दुबे थे और माता का नाम हुलसी था। वह सरयूपारीण ब्राह्मण थे। उनका परिवार सोरों (एटा, उत्तर प्रदेश) में रहता था। कुछ विद्वान तुलसी का जन्म-स्थान राजापुर (बाँदा, उत्तर प्रदेश) भी मानते हैं।
जन्म-स्थान की ही तरह तुलसी के जन्मकाल के बारे में भी मतभेद हैं।
फिर भी मोटे रूप में उनका जन्म विक्रम संवत् 1554 (सन् 1497) में सावन शुक्लपक्ष की सप्तमी को हुआ माना जाता है। कुछ लोग तुलसी का जन्म समय संवत् 1580 (सन् 1523) भी मानते हैं। वैसे कुछ लोग और भी तिथियाँ बताते हैं।
खैर, कुछ भी हो, इतना जरूर माना जाता है कि आम बच्चों की तरह तुलसीदास जन्म लेते ही रोए नहीं थे। उनके मुँह से ‘राम’ शब्द निकला था। इसीलिए लोग उन्हें ‘रामबोला’ कहने लगे थे।
वास्तव में तुलसीदास महाकवि और सिद्ध संत थे। वेद, पुराण आदि को उन्होंने गंभीर अध्ययन किया था। उनका स्वभाव लोक कल्याणकारी था। उनमें महान् कवि के समस्त गुण विद्यमान थे।
तुलसी को मानवतावादी कवि भी माना जाता है। अपनी रचनाओं के द्वारा उन्होंने मानवता के विकसित रूप को जनसामान्य के समक्ष प्रस्तुत करने का सफल प्रयास किया गया है। इसीलिए डॉ. ग्रियर्सन ने उन्हें एशिया का सर्वोत्कृष्ट कवि कहा है।
तुलसीदास के पिता का नाम आत्माराम दुबे थे और माता का नाम हुलसी था। वह सरयूपारीण ब्राह्मण थे। उनका परिवार सोरों (एटा, उत्तर प्रदेश) में रहता था। कुछ विद्वान तुलसी का जन्म-स्थान राजापुर (बाँदा, उत्तर प्रदेश) भी मानते हैं।
जन्म-स्थान की ही तरह तुलसी के जन्मकाल के बारे में भी मतभेद हैं।
फिर भी मोटे रूप में उनका जन्म विक्रम संवत् 1554 (सन् 1497) में सावन शुक्लपक्ष की सप्तमी को हुआ माना जाता है। कुछ लोग तुलसी का जन्म समय संवत् 1580 (सन् 1523) भी मानते हैं। वैसे कुछ लोग और भी तिथियाँ बताते हैं।
खैर, कुछ भी हो, इतना जरूर माना जाता है कि आम बच्चों की तरह तुलसीदास जन्म लेते ही रोए नहीं थे। उनके मुँह से ‘राम’ शब्द निकला था। इसीलिए लोग उन्हें ‘रामबोला’ कहने लगे थे।
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